Last Updated: Saturday, October 5, 2013, 11:20

नई दिल्ली : यद्यपि वोट डालना व्यक्तिगत फैसला होता है, लेकिन एक तिहाई मतदाता यह तय करने के लिए दूसरों की राय पर निर्भर करते हैं कि वोट किस उम्मीदवार को दिया जाए। यह बात चुनाव आयोग द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आई है। मई-जून में यह समझने के लिए सर्वेक्षण किया गया था कि चुनाव प्रक्रिया में पंजीकृत मतदाताओं के शामिल नहीं होने के क्या कारण होते हैं और इसके पीछे क्या धारणा है।
सर्वेक्षण में 25 विधानसभा क्षेत्रों के 4,736 मतदाताओं को शामिल किया गया जिनमें महिलाएं एवं अल्पसंख्यक भी शामिल थे। इसमें सामने आया कि 35 प्रतिशत मतदाता मतदान को अपना अधिकार समझते हैं, जबकि 19 फीसदी इसे अपना दायित्व मानते हैं । इसमें शामिल 32 प्रतिशत लोगों ने इसे अपना अधिकार एवं दायित्व बताया।
84 प्रतिशत मतदाताओं ने ईवीएम पर भरोसा जताया, जबकि 4 प्रतिशत ने ईवीएम को लेकर अपनी चिंता जाहिर की तथा शेष ने इस पर कोई विचार व्यक्त नहीं किया। इसके अलावा 69 फीसदी लोगों ने कहा कि ईवीएम के साथ मत पत्र से ईवीएम में उनका विश्वास और बढ़ेगा।
दो तिहाई से अधिक लोगों ने कहा कि वे चुनाव के दौरान राजनीति और चुनाव से संबंधित समाचार के लिए टेलीविजन देखते हैं। सर्वेक्षण में युवा मतदाताओं, महिलाओं और प्रवासियों में पंजीकरण की दर कम देखने को मिली।
First Published: Saturday, October 5, 2013, 11:20