Last Updated: Monday, October 21, 2013, 08:42

मास्को : भारत ने रविवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की बढ़ती जा रही घटनाओं से बिगड़ती स्थिति का वह आकलन करेगा। इस मुद्दे को कुछ दिनों के लिए दोनों तरफ के सैन्य अभियान महानिदेशकों पर छोड़ दिया गया है। दोनों देशों के सैन्य महानिदेशकों को शांति बहाली का भार सौंपा गया है।
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सरकारी यात्रा पर मास्को पहुंचने पर एक विश्वस्त सूत्र ने कहा कि सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) संपर्क में हैं और उन्होंने एक दूसरे से बात भी की है। उन्हें उपाय की तलाश करने के लिए कहा गया है। सूत्र ने कहा कि दोनों देशों की राजधानी में स्थापित हॉट लाइन से डीजीएमओ हर मंगलवार को बात करते हैं, लेकिन अभी तक दोनों के बीच मुलाकात नहीं हुई है।
न्यूयार्क में 29 सितंबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच हुई मुलाकात के दौरान दोनों पक्ष नियंत्रण रेखा पर शांति बहाली के लिए डीजीएमओ के बीच नियमित मुलाकात होने पर सहमति जताई थी। वर्ष 2003 से लागू संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाओं की इस वर्ष बाढ़ सी रही है। एक भारतीय जवान का सिर काट लेने और पांच जवनों की हत्या के मामले को लेकर देश में गुस्सा भी फूटा था। सूत्र ने कहा कि हमें उन्हें (डीजीएमओ) को एक मौका देना चाहिए।
सूत्र ने कहा कि यह स्थिति का आकलन करेंगे कि यह कैसा आकार लेता और यह देखेंगे कि संघर्ष विराम बहाली और उसका सम्मान करने के प्रति पाकिस्तान गंभीर है या नहीं। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। डीजीएमओ को आपस में बात करने दीजिए और देखिए कि वे कुछ कर पाते हैं या नहीं। किसी भी निष्कर्ष पर इतनी जल्दी नहीं पहुंचा जा सकता। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 21, 2013, 08:42