Last Updated: Sunday, November 24, 2013, 20:19
नई दिल्ली : मुंबई आतंकी हमलों की पांचवीं बरसी से पहले पाकिस्तान ने रविवार को इस सुझाव को खारिज कर दिया कि आरोपियों के खिलाफ ‘लचर सुनवाई’ हो रही है तथा उन्होंने कहा कि प्रक्रिया की रफ्तार तेज की जा रही है।
भारत में पाकिस्तान के निवर्तमान उच्चायुक्त सलमान बशीर ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि कार्यपालिका और अभियोजन जो भी कर सकता है वह कर रहा है। अब इस मुकदमे की रफ्तार तेज की जा रही है। मैं आपको यह बात कह सकता हूं।’’
उन्होंने यह बात सीएनएन आईबीएन के डेविल्स एडवोकेट प्रोग्राम में उस समय कही जब उन्हें यह बताया कि भारत में यह धारणा है कि इस्लामाबाद में मुकदमा लचर गति से चलाया जा रहा है। बशीर ने कहा कि लोग क्या सवाल कर रहे हैं, इस पर ध्यान दिये बिना हमें ध्यान रखना होगा कि ‘‘तथ्य यह है कि दोनों पक्षों में न्यायिक प्रणाली कमोबेश समान है। इसे गति देने के लिए दोनों ही पक्षों को अधिक सहयोग देना होगा।’’
उनसे इस तथ्य के बारे में प्रतिक्रिया पूछी गयी कि पिछले पांच साल में छह बार न्यायाधीश बदले गये और अदालत बैठने के फौरन बाद ही स्थगित कर दी गयी। इस पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 26/11 के बाद के पूरे परिदृश्य को भारत में वस्तुनिष्ठ तरीके से नहीं समझा गया।
बशीर ने नयी पुस्तक ‘‘द सीज’’ के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि जेल में बंद लश्करे तैयबा नेता जकी उर रहमान लखवी को कारागार में उसकी पत्नी से मिलने की इजाजत दी जाती है। पुस्तक में इस बात के भी संकेत आतंकी हमले में हाफिज सईद की संलिप्तता थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह एक सटीक वर्णन है..इसके वर्णनों की पुष्टि करने की जरूरत है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमें एक ऐसा देश माना जाये जो कानून के शासन से संचालित होता है। यदि क, ख, ग ने किसी चीज का उल्लंघन किया है तो उसे पकड़ा जाना चाहिए।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 24, 2013, 20:19