लोकपाल नहीं, इस `जोकपाल` पर क्यों सहमत हुए अन्ना : केजरीवाल

लोकपाल नहीं, इस `जोकपाल` पर क्यों सहमत हुए अन्ना : केजरीवाल

लोकपाल नहीं, इस `जोकपाल` पर क्यों सहमत हुए अन्ना : केजरीवालज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : अन्ना हजारे द्वारा राज्यसभा में पेश मौजूदा सरकारी लोकपाल बिल पर मुहर लगाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोकपाल के मुद्दे पर गांधीवादी नेता अन्ना हजारे को भ्रमित किया जा रहा है क्योंकि जो बिल सरकार पारित कराने जा रही है वह उनकी मांगों को पूरा नहीं करता और यह 'जोकपाल' बनेगा। ट्विटर पर केजरीवाल ने आश्चर्य जताया कि अन्ना ने किस तरीके से लोकपाल विधेयक को स्वीकार कर लिया जिसे शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया गया। उन्होंने तर्क दिया कि बिल में जनलोकपाल विधेयक के तीन सबसे महत्वपूर्ण प्रावधानों में से कोई नहीं है।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, मैं वास्तव में आश्चर्यचकित हूं। अन्ना सरकारी लोकपाल बिल को कैसे स्वीकार कर सकते हैं? सरकारी लोकपाल 'जोकपाल' है। अन्ना को कौन भ्रमित कर रहा है ? वर्ष 2011 में अन्ना के साथ रहे केजरीवाल ने ट्वीट किया, अगस्त 2011 में अन्ना ने जिन तीन शर्तों पर अनशन तोड़ा था उनमें से कोई भी इस जोकपाल में शामिल नहीं है। सरकार ने कल राज्यसभा में लोकपाल बिल को संशोधित रूप में पेश किया।

उधर अन्ना हजारे ने राज्यसभा में पेश मौजूदा लोकपाल बिल पर अपना रुख नरम करते हुए कहा कि वह राज्यसभा में पेश किए गए संशोधित बिल से खुश हैं। उन्होंने कहा कि बिल में बाद में संशोधनों के जरिए सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने बिल के प्रावधानों को उचित ठहराते हुए कहा कि इस मौजूदा बिल के अनुसार प्रधानमंत्री भी लोकपाल के दायरे में होंगे। उन्होंने कहा, लोकपाल के दायरे में सीबीआई और सीवीसी को भी रखा गया है। सीबीआई लोकपाल के पूरे नियंत्रण में रहेगी। अन्ना ने कहा, बिल जैसे ही राज्यसभा में पारित होगा, लोकसभा इसका अनुमोदन करेगी और राष्ट्रपति कानून बनाने के लिए इसपर दस्तख्त करेंगे, मैं अपना अनशन समाप्त कर दूंगा। अन्ना ने कहा कि बिल से उनकी बहुत सी मांगें पूरी हो रही है और उन्होंने राज्यसभा में कल पेश किए गए बिल की प्रशंसा की।

First Published: Saturday, December 14, 2013, 23:19

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