जासूसी कांड में 16 मई से पहले जज का नाम घोषित करेगी सरकार: सिब्बल

जासूसी कांड में 16 मई से पहले जज का नाम घोषित करेगी सरकार: सिब्बल

जासूसी कांड में 16 मई से पहले जज का नाम घोषित करेगी सरकार: सिब्बलनई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा कि संप्रग सरकार 16 मई से पहले गुजरात के ‘स्नूपगेट’ (जासूसी कांड) की जांच के लिए न्यायाधीश का नाम घोषित करेगी। सिब्बल ने साथ ही भाजपा नेता अरूण जेटली के उस दावे को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई भी न्यायाधीश नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए ‘राजनीतिक एवं दुर्भावनापूर्ण’ कार्रवाई के लिए खुद को ‘आगे’ नहीं करेगा। सिब्बल ने साथ ही कहा कि विवाद में मोदी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की जाएगी।

उन्होंने यहां कहा, ‘16 मई से पहले स्नूपगेट मामले में आपको एक न्यायाधीश मिल जाएगा। मुझे नहीं पता कि ये लोग इतने चिंतित क्यों हैं? क्यों भाजपा के नेता चिंतित है और वो किसी न्यायाधीश के इस आयोग में ना शामिल होने को लेकर क्यों सार्वजनिक बयानबाजी कर रहे हैं?’ कांग्रेसी नेता ने कहा कि भाजपा चिंतित है क्योंकि उसके नेता जानते हैं कि ‘एक बार आयोग गठित हो गया तो नरेन्द्र मोदी के पास बचने का कोई रास्ता नहीं होगा।’

सिब्बल ने कहा, ‘चूंकि उन्होंने जो किया है और जिस तरह एक युवती की गतिविधियों की जासूसी करायी है, उसके दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं, वे लोग केंद्र के इस आयोग को लेकर चिंतित हैं और मुझे लगता है कि उनकी चिंता बनी रहेगी क्योंकि आयोग तो गठित होगा ही, उनकी जांच होगी और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।’ कानून मंत्री ने साथ ही गुजरात सरकार द्वारा गठित स्नूपगेट जांच समिति पर भी सवाल उठाते हुए कहा, ‘यह कभी आगे नहीं बढ़ेगा’ क्योंकि इसका गठन ‘मुख्यमंत्री (मोदी) ने ही किया है जिनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की जा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘यह नानावती आयोग की तरह ही कभी भी आगे नहीं बढ़ेगा। 12 साल गुजर गए, हमें कोई रिपोर्ट नहीं मिली। असल में यही गुजरात सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड है। इसलिए हमें राज्य सरकार से कोई उम्मीद नहीं है।’ सिब्बल के ये बयान जेटली द्वारा कल मामले को लेकर की गयी टिप्पणी के बाद आए हैं।

गौरतलब है कि कल जेटली ने उम्मीद जतायी थी कि न्यायिक गरिमा को ध्यान में रखते हुए कोई भी न्यायाधीश इस ‘राजनीतिक एवं दुर्भावनापूर्ण’ कार्रवाई के लिए खुद को ‘आगे’ नहीं करेगा।

जेटली ने कहा था कि संप्रग सरकार ने जिन न्यायाधीशों से संपर्क किया, उन सभी ने इस ‘बेताबी वाली’ कार्रवाई का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया क्योंकि एक पखवाड़े में नई सरकार आ जाएगी। इस बीच भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे के स्नूपगेट की जांच के लिए न्यायाधीश नियुक्त करने की घोषणा को ‘मूखर्तापूर्ण’ बताते हुए कहा कि ऐसा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘जब कोई शिकायत ही नहीं हुई है तो किसी न्यायिक प्राधिकरण द्वारा जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता। यहां शिकायतकर्ता कौन है? यह सुशील कुमार शिन्दे नहीं हो सकते। लड़की या उसके पिता को शिकायतकर्ता होना चाहिए।’ स्वामी ने साथ ही कहा कि कोई भी अदालत मामले पर विचार नहीं करेगी क्योंकि किसी भी प्रभावित पक्ष ने इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है। (एजेंसी)

First Published: Friday, May 2, 2014, 11:38

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