Last Updated: Friday, May 2, 2014, 18:05

शिमला/नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ‘स्नूपगेट’ की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन 16 मई को समाप्त होने वाली लोकसभा चुनाव प्रक्रिया से पहले ही कर दिया जाएगा। सरकार ने इसके साथ ही इसे लेकर भाजपा द्वारा उठाये जा रहे सवालों को भी खारिज कर दिया।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और कानून मंत्री कपिल सिब्बल की इस घोषणा पर भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया जतायी गई जिसने कहा कि इसमें संप्रग का ‘अहंकार’ झलकता है। भाजपा ने दावा किया कि संप्रग जल्द ही सत्ता से बाहर होने वाली है।
सरकार ने जांच आयोग का गठन का निर्णय चार महीने पहले ही किया था लेकिन कथित तौर पर न्यायाधीश को लेकर फैसला नहीं पाने के चलते इस प्रक्रिया में विलंब हो गया। शिन्दे ने शिमला में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मंत्रिमंडल ने गुजरात में एक महिला की जासूसी के मामले की जांच के लिए जांच आयोग नियुक्त करने का फैसला किया था। हम जल्द ही न्यायाधीश की नियुक्ति करेंगे..16 मई से पहले।।’
मामला गुजरात के अधिकारियों द्वारा एक महिला की कथित तौर पर मोदी के इशारे पर जासूसी करने का है। शिंदे से पूछा गया था कि लोकसभा चुनाव के बीच में एक न्यायाधीश की नियुक्ति क्या आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होगा। शिंदे ने कहा, ‘यह नहीं होगा क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसका निर्णय आचार संहिता लागू होने होने से काफी पहले किया था।’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2009 में एक महिला की जासूसी करने के आरोपों की की जांच करने के लिए न्यायिक जांच आयोग गठित करने का निर्णय 26 दिसम्बर 2013 को किया था। उन्होंने कहा, ‘गुजरात के मुख्यमंत्री ने जिस तरीके से एक महिला की जासूसी की मैं उसे लेकर चिंतित हूं, मैं वास्तव में चिंतित हूं कि यदि वह प्रधानमंत्री बन गए तो देश की महिलाओं का क्या होगा।’
राजधानी दिल्ली में कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने भी कहा कि न्यायाधीश की नियुक्ति 16 मई तक हो जाएगी।
उन्होंने भाजपा नेता अरुण जेटली के इस कथन को भी खारिज कर दिया कि यदि ऐसा कोई न्यायाधीश हो जो संप्रग के लिए स्वयं को ‘आगे करने’ के लिए ‘सहमति’ जताये तो उन्हें ‘हैरानी’ होगी। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यदि घोषणा चुनाव के दौरान की गई जो चुनाव आयोग से सम्पर्क किया जाएगा।
सिब्बल ने कहा कि भाजपा इसलिए चिंतित है क्योंकि उसके नेताओं को पता है कि ‘एक बार आयोग गठित हो गया तो नरेंद्र मोदी के बचने का कोई तरीका नहीं होगा क्योंकि जो उन्होंने (मोदी) किया है और जिस तरह से उन्होंने एक युवा लड़की की गतिविधियों की जासूसी की उसके दस्तावेजी सबूत हैं।’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘आपको स्नूपगेट न्यायाधीश 16 मई से पहले मिल जाएगा।’
उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि ये लोग इतने घबराये हुए क्यों हैं, भाजपा के नेता घबराये क्यों हैं और वे सार्वजनिक बयान दे रहे हैं कि किसी भी न्यायाधीश को इस आयोग में शामिल नहीं होना चाहिए।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, May 2, 2014, 18:05