Last Updated: Thursday, December 5, 2013, 09:22
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। विपक्ष ने पहले ही दिन से महंगाई और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। विपक्ष सत्र की मियाद बढ़ाने की भी मांग कर रहा है। उधर सरकार महिला आरक्षण और लोकपाल जैसे विधेयक पारित करवाकर अगले लोकसभा चुनावों की जमीन तैयार करना चाहती है। संसद सत्र सिर्फ 12 दिन का है और मुद्दों की भरमार है। लिहाजा सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती होगी कि वह कौन से बिल को संसद में पारित करवा पाती है।
5 दिसंबर से 20 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में 12 बैठकें होनी हैं। इस दौरान 38 विधेयक पेश किए जाने हैं। विपक्ष सत्र की मियाद बढ़वाना चाहता है लेकिन सरकार शुरुआती माहौल देखकर ही इस बारे में कोई आखिरी फैसला लेगी। 8 दिसंबर को विधानसभा चुनावों के नतीजे भी आने हैं। साफ है कि उन नतीजों की छाया भी शीतकालीन सत्र पर दिखेगी।
बुधवार शाम लाल कृष्ण आडवाणी के घर एनडीए नेताओं की बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति को आखिरी शक्ल दी गई। तेलंगाना बिल पेश करने की मांग के साथ महंगाई और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार के घेरा जाएगा। वाम दल तो एनडीए से भी ज्यादा आक्रामक दिख रहे हैं। सीपीएम ने पहले ही दिन महंगाई के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी है।
शीतकालीन सत्र अगले लोकसभा चुनावों से पहले का आखिरी कामकाजी सत्र है। ऐसे में सरकार चुनावों के नजरिये से फायदेमंद कहे जाने वाले ज्यादा से ज्यादा विधेयक पास करवाना चाहती है। लेकिन विपक्ष के रुख से साफ है कि वो सरकार पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ने वाला। सरकार महिलाओं को लुभाने के लिए सोनिया गांधी का पसंदीदा महिला आरक्षण बिल इस सत्र में पास करवाना चाहती है लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस बिल के विरोध का खुला ऐलान कर दिया है।
First Published: Thursday, December 5, 2013, 09:22