Last Updated: Tuesday, June 3, 2014, 00:32

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपनी पूरी मंत्रिपरिषद के साथ लंबी बैठक की और समझा जाता है कि उन्होंने सभी मंत्रियों से सुशासन के लिए मिलकर काम करने और जनता तक लाभ पहुंचाने के लिहाज से कार्यों के समयबद्ध क्रियान्वयन की सलाह दी।
सूत्रों के मुताबिक समझा जाता है कि मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी 45 मंत्रियों और सभी मंत्रालयों को देश के विकास के लिए सामूहिक उर्जा के साथ मिलकर काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री आवास पर यह बैठक तीन घंटे से अधिक समय तक चली। जिसमें मोदी ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने, अधिक निवेश तथा बुनियादी ढांचा सुधारने के बारे में अपने विचार साझा किए।
मोदी ने सभी मंत्रियों से कार्यक्रमों के समयबद्ध क्रियान्वयन के साथ जनता को पारदर्शी और प्रभावी शासन देने की बात कही। मोदी ने मंत्रिमंडल में अपने 45 सहयोगियों को ‘मार्गदर्शन’ देते हुए इस बात पर जोर दिया कि अनेक मंत्रालयों के कार्यक्रमों और कामकाज का लाभ जनता तक पहुंचना चाहिए और लोगों को लगना चाहिए कि सरकार उनके लिए काम कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि मोदी ने अपनी सरकार के मंत्रियों से पिछली संप्रग सरकार द्वारा शुरू की गई अनेक परियोजनाओं पर प्रगति रिपोर्ट देने को कहा। समझा जाता है कि बातचीत के केंद्र में 100 दिन का एजेंडा रहा। गौरतलब है कि मोदी ने मंत्रियों से कहा है कि वे प्राथमिकताएं तय कर अपने पहले 100 दिन का एजेंडा बनाएं। सूत्रों के मुताबिक मोदी ने शासन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मंत्रियों के सुझाव भी मांगे।
मोदी के दस सूत्री एजेंडा की पृष्ठभूमि में आज की बैठक हुई। इनमें निवेश बढ़ाना, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करना तथा प्राकृतिक संसाधनों का दोहन शामिल है। प्रधानमंत्री पहले ही मंत्रालयों को फैसले लेने और उन्हें तेजी से अमल में लाने का अधिकार देने का फैसला कर चुके हैं। इसी श्रृंखला में उन्होंने शनिवार को सभी उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रिसमूहों तथा मंत्रिसमूहों को भंग कर दिया था।
इससे पहले उन्होंने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से कहा था कि वे 100 दिन की समयसारणी बनायें और सुशासन, डिलीवरी एवं कार्यक्रमों तथा योजनाओं के कार्यान्वयन पर ध्यान देते हुए प्राथमिकताएं तय करें। मोदी मंगलवार को सचिवों से मुलाकात करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, June 3, 2014, 00:00