एक पौधे में 1500 फूल!

एक पौधे में 1500 फूल!

एक पौधे में 1500 फूल!  रायपुर: क्या आपने सेवंती के एक पौधे में 15 सौ फूल खिलते देखा है, वह भी गमले में? चौंक गए ना! पर हैरान मत होइए, हम आपको बताते हैं कि ऐसा संभव है और इसका प्रत्यक्ष दर्शन हो रहा है छत्तीसगढ़ की राजधानी में लगे फूलों की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में, जहां सेवंती का एक ऐसा पौधा भी है, जिसमें तकरीबन 15 सौ फूल खिले हैं। प्रतिवर्ष आयोजित होनेवाली इस पुष्प प्रदर्शनी में इस दफे लगभग आठ हजार किस्मों के फूल और सब्जियां प्रदर्शित की जा रही हैं।

दरअसल, यह कमाल है पिंसिंग तकनीक का। इसमें पौधे की शाखाओं को बढ़ाया जाता है। एक बार पर्याप्त संख्या में शाखाएं आ जाने के बाद फूल खिलने के लिए छोड़ दिया जाता है। यह तकनीक गेंदे में भी कारगर है। बोनसाई के भी इसमें कई प्रकार पेश किए गए हैं। हाइब्रिड जखेरा, एंथोरियम और ऑर्किड यहां बड़ी संख्या में हैं, मगर ट्यूलिप नदारद है।

आयोजकों का कहना है कि ट्यूलिप कश्मीर में बर्फबारी के चलते वहां से नहीं मंगाया जा सका। इसके बाद भी यहां ब्रोकली, लैट्यूज, आइसबर्ग लैट्यूज, परसले, मल्टीकलर एंथोरियम, मल्टीकलर लिली, डहेलिया, इंप्रेशन और बोनसाई में पाइन, रॉक स्टाइल, कल्पवृक्ष, लैंडस्केप देखते ही बनता है।

रायपुर के गांधी उद्यान में लगे इस प्रदर्शनी में शहर के अनिमेश तिवारी ने प्रोडक्शन को 20 गुना तक बढ़ाने वाली न्यूट्रिशन फिल्टर टेक्निक को प्रदर्शित किया। इस तकनीक से बेहद कम समय में ही पौधों से प्रोडक्शन शुरू किया जा सकता है। इस तकनीक में 90 फीसदी तक पानी की भी बचत होती है और पौधों को भी 24 घंटे पोषण मिलता है।

इतना ही नहीं, यहां एक कमल ऐसा भी है, जिसे प्लास्टिक के टब में खिलाया गया है। यही नहीं, उस टब में मछलियां भी मौजूद हैं। नीले रंग का यह कमल लोगों के आकर्षण का खासा केंद्र रहा। इसके अलावा अफ्रीकन मेरीगोल्ड, इंप्रेशन, बारबीना, एस्टर, सल्विया, डहेलिया और न जानें ऐसे कितने ही फूलों की खुशबू से शहर का गांधी उद्यान महक रहा है। (एजेंसी)

First Published: Monday, January 20, 2014, 09:15

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