Last Updated: Wednesday, December 18, 2013, 16:24

वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने इस बात का कारण खोज लिया है कि शुरुआत से पालतू जानवरों के संपर्क में रहने वाले बच्चों में एलर्जी और अस्थमा प्रवृत्ति तब कम क्यों हो जाती है। चूहों पर किए गए प्रयोग में शोधकर्ताओं ने पाया कि पालतू कुत्तों का संपर्क, व्यक्ति की आंत में रहने वाले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जठरांत्र) माइक्रोबायोम या रोगाणुओं के समुदाय को नया आकार प्रदान कर सकता है, जिससे व्यक्ति में विभिन्न एलर्जी कारकों का प्रतिरोधस्तर बढ़ता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन घरों में या घरों के बाहर पालतू कुत्ते रहते हैं, उनके घरों की धूल चूहे की आंत में रहने वाले रोगाणुओं के समुदाय को फिर से आकार दे सकती है।
यू.सी.सैन फ्रांसिस्को में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर सुसान लायन्स और यू.मिशिगन में पैथालोजी विभाग के प्रोफेसर निकोलस लुकास के नेतृत्व में हुए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि यह सामान्य एलर्जी कारकों के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली की अभिक्रिया को भी कम करता है।
वैज्ञानिकों ने आंत के अंदर एक विशेष बैक्टीरिया की पहचान भी की है जो दोनों एलर्जी कारकों के वायुमार्ग की रक्षा और वायरल श्वसन संक्रमण के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तमान अध्ययन यह दर्शाता है कि आंत के रोगाणु, आंत की प्रतिरक्षा प्रक्रिया पर व्यापक प्रभाव डाल सकते हैं। (एदेंली)
First Published: Wednesday, December 18, 2013, 16:24