Last Updated: Thursday, February 20, 2014, 18:31

वाशिगंटन: ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत हाइड्रोजन उत्सर्जित करने वाली सौर ऊर्जा आधारित कृत्रिम पत्ती तैयार करने की दिशा में वैज्ञानिक एक और कदम आगे बढ़ गए हैं और इसकी सटीकता के करीब हैं। नेचर केमेस्ट्री के हालिया ऑनलाइन संस्करण के मुताबिक, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी कालेज ऑफ लिबरल आर्ट एंड साइंस (एएसयू) के वैज्ञानिक और आर्गोन नेशनल लैबोरेट्री के उनके साथियों ने सक्रिय कृत्रिम पत्तियों की सटीकता की दिशा में प्रगति की जानकारी दी है।
एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के रसायन एवं जैव रसायन विभाग में ऊर्जा विभाग द्वारा वित्त पोषित एनर्जी फ्रंटियर रिसर्च सेंटर के बीआईएसफ्यूल का एकमात्र लक्ष्य एक ऐसी कृत्रिम पत्ती का विकास करना है जो सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर पानी को आसानी से और सस्ते में प्रभावी रूप से हाइड्रोजन एवं आक्सीजन में बदल सके। हाइड्रोजन अपने आप में एक महत्वपूर्ण ईंधन है और भारी पेट्रोलियम से हल्के हाइड्रोजन ईंधन के उत्पादन के लिए अनिवार्य अभिकर्मक के रूप में काम करता है।
समाज को ईंधन के ऐसे नवीकरणीय स्रोत की आवश्यकता है जो व्यापक रूप से सर्वत्र, प्रचुर, सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल हो। समाज को सस्ते हाइड्रोजन की दरकार है।
एएसयू में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर थामस मूर ने कहा कि शुरू में हमारी कृत्रिम पत्ती ने अच्छी तरह से काम नहीं किया और जांच के लिए किए गए हमारे अध्ययन में संकेत मिला कि एक चरण में तीव्र रासायनिक प्रतिक्रिया को धीमी रसायनिक प्रतिक्रिया के साथ काम करना था जोकि प्रभावी नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि पहले तीव्र प्रतिक्रिया वाले पायदान पर प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होना था और धीमी प्रतिक्रिया वाले पायदान में रासायनिक ऊर्जा को पानी को उसके तत्वों हाइड्रोजन एवं आक्सीजन में बदलना था। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 20, 2014, 18:31