Last Updated: Monday, February 17, 2014, 08:43

वाशिंगटन: मानवता के लिए खतरा समझे जाने वाले परमाणु बम क्या पृथ्वी को खतरनाक अंतरिक्षीय चट्टाणों से बचा सकते हैं? वैसे तो यह किसी विज्ञान-फंतासी फिल्म का दृश्य सा प्रतीत होता है, लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो ऐसा संभव है।
आईओवा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता बोंग वी और उनकी टीम ने हाइपरवेलोसिटी एस्टेरॉयड इंटरसेप्ट वेहिकल (एचएआईवी) नाम से एक अंतरिक्ष यान की अभिकल्पना तैयार की है। यह यान गहरे अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रह से भिड़ेगा और काइटेनिक इंपैक्टर के माध्यम से विस्फोट के नतीजों को पृथ्वी पर भेजेगा।
यान से भेजा जाने वाला परमाणु बम बाद में 10 लाख सेकेंड बाद में संभवत: लंबी बल्ली से संयोजित होगा या संभवत: स्वतंत्र रूप से उड़ेगा और फिर वह छिद्र में प्रवेश कर विस्फोट करेगा जिससे धूमकेतु या क्षुद्र ग्रह को करोड़ों छोटे-छोटे टुकड़े में तोड़ देगा। वी ने नासा की एक बैठक में हाल ही में कहा कि हमने क्षुद्र ग्रह प्रभाव खतरे को खत्म करने के लिए एक समाधान तलाशा है।
वी ने अपने अध्ययन में रूस में हुई घटना के निष्कर्ष भी पेश किए। रूस के ऊपर आकाश में विस्फोट के बाद उल्का के रूप में गिरे 65 फुट एक अंतरिक्षीय चट्टान की चपेट में आने से चेल्याबिंस्क शहर में 1,500 लोग घायल हो गए थे।
रूस में पिछले साल हुआ यह हादसा भविष्य में अंतरिक्ष के क्षुद्रगहों और अंतरिक्षीय चट्टानों से पृथ्वी को होने वाले खतरे का संकेत है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 17, 2014, 08:43