Last Updated: Thursday, May 8, 2014, 13:07
लंदन : शायद यह जानकर आपको हैरानी होगी कि डायनासोर अभी विलुप्त नहीं हुए हैं। इस धरती पर उनकी करीब 10,000 प्रजातियां आज भी विचरण कर रही हैं, वह भी पक्षियों के रूप में। जी हां, एक रोचक शोध के अनुसार उस समय के डायनासोरों की कई प्रजातियों ने बदलते मौसम, समय और उसमें खुद को ढालने की दक्षता हासिल करते हुए अपने शरीर को सिकोड़ लिया। आज वह हमारे बीच पक्षियों के रूप में मैजूद हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भू-विज्ञान विभाग के रोजर बेन्सन ने बताया कि शोध के दौरान डायनासोर के शरीरों के अध्ययन में कुछ हैरतअंगेज बातें सामने आईं हैं। खासकर मैनीरापटोरंस नाम के प्रजाति वाले डायनासोर में यह दिलचस्प बदलाव नजर आया है।
डायनासोर की कई दूसरी प्रजातियों में भी यह बदलाव दिखा है, जिसमें वेलोकीराप्टर भी शामिल हैं। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और रॉयल ऑन्टेरियो संग्रहालय की एक संयुक्त अंतराष्ट्रीय टीम डायनासोर की 426 प्रजातियों के पैरों की हड्डियों की मोटाई का अध्ययन कर इस नतीजे पर पहुंची हैं।
स्वीडन स्थित उपसाला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नीकोलस कैंपियोने के अनुसार किसी भी डायनासोर का वजन उसके पैरों की हड्डियों की मोटाई को नाप कर पता की जा सकती है। यह तरीका काफी भरोसेमंद भी है। शोधकर्ताओं के अनुसार, डायनासोर अपनी उत्पत्ति के कुछ समय बाद ही यानी कि करीब 220 करोड़ साल पहले अपने शरीर को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर चुके थे। हालांकि यह प्रक्रिया फिर धीमी हो गई, लेकिन जिन प्रजातियों की बनावट पक्षियों के करीब थी, उनमें यह विकास जारी रहा, जो अगले 170 करोड़ वर्षो तक चलता रहा। रॉयल ऑनटेरियो संग्रहालय के डेविड इवान ने बताया की इस शोध में जो सबसे रोचक बात सामने आई, वह यह है कि कैसे और कितनी तेजी से डायनसोर की प्रजातियों ने समय के मुताबिक खुद को ढाल लिया और वे आज भी हमारे बीच हैं।
हालांकि कई प्रजातियां इस विकास क्रम में असफल भी हुईं और विलुप्त हो गईं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 8, 2014, 13:07