Last Updated: Monday, March 24, 2014, 08:39

टोरंटो: कंप्यूटर ने चेहरे के भाव पहचानने के मामले में सबसे तेज माने जाने वाले मानव दिमाग को भी मात दे दी है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (यूसी) सेन डियागो और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के शोधकर्ताओं का कहना है कि एक कंप्यूटर मशीन किसी के चेहरे पर दर्द के भाव की सच्चाई को मानवों से ज्यादा बेहतर पहचान सकती है।
यूसी सेन डियागो के इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरल कंप्यूटेशन में शोधकर्ता मेरियन बार्टलेट ने कहा कि कंप्यूटर मशीन चेहरे के भावों की उन विशिष्ट गतिशील विशेषताओं को भी पहचान सकती है, जिसे पहचानने में मानवों से भी भूल हो सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के एरिक जैकमैन इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड स्टडी के शोधकर्ता कांग ली ने कहा कि मानवों से चेहरे के नकली भावों और असली भावों के बीच फर्क करने में भूल हो सकती है। लेकिन कंप्यूटर मशीन की चेहरे के भाव पढ़ने की क्षमता मानवों से कहीं बेहतर है, जैसे कि चेहरे पर दिख रहा दर्द का भाव असली है कि केवल नाटक है।
शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि ज्यादातर मामलों में मनुष्य चेहरे के असली और बनावटी भावों के बीच फर्क नहीं कर पाते और प्रशिक्षण दिए जाने के बाद भी सिर्फ 55 प्रतिशत मामलों में ही मनुष्य चेहरे के भाव को ठीक ठीक समझ पाते हैं। जबकि कंप्यूटर मशीन चेहरे के भाव पहचानने में 85 फीसदी सटीक होती है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 24, 2014, 08:39