Last Updated: Thursday, December 26, 2013, 15:56

इंदौर : नए साल 2014 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘त्रिमूर्ति’ दुनिया को ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखाएगी। हालांकि, भारत में इनमें से केवल एक खगोलीय घटना के देश के सीमित हिस्से में नजर आने की उम्मीद है।
उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गयी कालगणना के हवाले से गुरुवार को बताया कि आगामी वर्ष में अद्भुत खगोलीय घटनाओं का सिलसिला 15 अप्रैल को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण से शुरू होगा। नववर्ष का पहला ग्रहण भारत में नहीं दिखायी देगा।
गुप्त ने बताया कि वर्ष 2014 में 29 अप्रैल को वलयाकार सूर्यग्रहण होगा। सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुकाछिपी का यह रोमांचक नजारा भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा। वलयाकार सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा कुछ इस तरह आ जाता है कि पृथ्वी से निहारने पर सौरमंडल का मुखिया चमकदार कंगन की तरह दिखायी देता है। तकरीबन दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने बताया कि आठ अक्तूबर 2014 को पूर्ण चंद्रग्रहण का नजारा दिखायी देगा। यह आगामी वर्ष का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। हालांकि, इस खगोलीय घटना के भारत के पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में ही दिखायी देने की संभावना है।
वेधशाला अधीक्षक ने बताया कि आगामी 23 अक्तूबर को आंशिक सूर्यग्रहण होगा। यह इस साल का आखिरी ग्रहण भी होगा, जो भारत में नहीं दिखायी देगा। समाप्ति की ओर बढ़ रहे वर्ष 2013 के खाते में कुल पांच ग्रहण लिखे थे। इनमें एक आंशिक चंद्रग्रहण, एक वलयाकार सूर्यग्रहण, दो उपच्छाया चंद्रग्रहण और एक पूर्ण सूर्यग्रहण शामिल हैं। मौजूदा साल का आखिरी ग्रहण तीन नवंबर को पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप में देखा गया था। हालांकि, सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की यह अद्भुत लुकाछिपी भारत में नहीं निहारी जा सकी थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 26, 2013, 15:56