Last Updated: Wednesday, May 21, 2014, 19:35

बीजिंग : चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालयी नदियों के उदगम चिंगहई-तिब्बत के पठार के हिमनद पिछले तीन दशक में 15 फीसदी सिकुड़ गए हैं तथा ग्लोबल वार्मिंग (धरती के बढ़ते तापमान) की वजह से स्थिति भविष्य में और बिगड़ सकती है।
इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतन प्लेट्यू रिसर्च ऑफ चाइनीज एकेडेमी ऑफ साइंसेज (सीएएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार तीन दशक में हिमनद 53,000 वर्ग किलोमीटर से 15 फीसदी घटकर 45,000 वर्ग किलोमीटर रह गए हैं।
वैज्ञानिकों का माना है कि दुनिया के मध्य उंचाई वाले क्षेत्रों में सबसे अधिक उंचाई वाले इस पठार पर ग्लोबल वार्मिंग का असर अधिक पड़ने की संभावना है। तिब्बत ब्रह्मपुत्र समेत कई नदियों का उद्गम स्थल है।
सीएएस के कोल्ड एंड एरिड रीजंस इनवायरनमेंटल एवं इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रयोगशाला निदेशक ने कहा, पठार में हिमनद 20वीं सदी से ही सिकुड़ रहे हैं और 1990 के दशक में उसकी गति तेज हो गयी है। इस क्षेत्र में 46,000 से अधिक हिमनद हैं। शिन्हुआ संवाद समिति ने खबर दी कि जलवायु पर्वितन के अकाट्य प्रमाण है और वैज्ञानिकों के लिए उसका पर्यवेक्षण आसान है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 21, 2014, 19:35