Last Updated: Sunday, December 8, 2013, 19:17

मेलबर्न : यदि आप यह सोचते हैं कि आप अन्य जीवों से अधिक समझदार हैं तो शायद यह सही नहीं हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि मनुष्य हजारों वर्षों से यह कहकर खुद को धोखा देता आया है कि वह शेष प्राणिजगत से अधिक समझदार है, जबकि इसके विपरीत बात साबित करने वाले साक्ष्य बढते जा रहे हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ एडीलेड में स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेस के डा. आर्थर सैनियोतिस ने कहा, हजारों वषरें से सभी धर्मों के साथ साथ जाने माने विद्वान भी बार बार यही कहते आए हैं कि मनुष्य प्राणिजगत में सबसे बुद्धिमान हैं। उन्होंने कहा, वैज्ञानिकों ने हमें बताया कि पशुओं में ज्ञान संबंधी कई क्षमताएं हैं जो मनुष्यों से बेहतर हैं। सैनियोतिस ने कहा, मनुष्य के दर्शन शास्त्र और विज्ञान ने इस विश्वास को मजबूत किया है कि मनुष्य अधिक समझदार है। सभी विचारकों में संभवत: सबसे प्रभावशाली अरस्तु ने भी यही तर्क दिया कि मनुष्य तर्क करने की विशेष क्षमता के कारण अन्य जीवों से अधिक समझदार है। प्रोफेसर मैसीज हेन्नेबर्ग ने कहा कि पशुओं में अकसर कई क्षमताएं होती हैं जिन्हें मनुष्य समझ नहीं पाते।
हेन्नेबर्ग ने कहा, वे शायद हमें नहीं समझ सकते और हम उन्हें नहीं समझते। इसका यह अर्थ नहीं है कि हमारी ‘बुद्धिमता’ का स्तर उंचा है। वे बस हमसे अलग हैं। उन्होंने कहा, मनुष्यों ने अपनी भाषा और तकनीक विकसित करने के कारण अन्य जीवों की विभिन्न प्रकार की समझ को कम करके आंका है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 8, 2013, 19:17