Last Updated: Thursday, November 7, 2013, 13:23
मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के एक शोधकर्ता के नेतृत्व में काम करने वाले वैज्ञानिकों के एक समूह ने ऐसा स्मार्टफोन एप्लीकेशन तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल शहरी इलाकों में तनाव पैदा करने वाले शोर की निगरानी के लिए किया जा सकता है।
प्रतिष्ठित कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन और न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने डॉक्टर राजीब राणा के नेतृत्व में स्मार्टफोन की मौजूदा तकनीक का ही इस्तेमाल करते हुए ‘ईयर-फोन’ नामक एक प्रोग्राम बनाया है। यह प्रोग्राम शहरों के शोर की जानकारी ज्यादा विस्तार से दे सकता है और बहुत ज्यादा शोर वाली जगहों की पहचान में मदद कर सकता है।
कैनबरा में सीएसआईआरओ की अटोनोमस सिस्टम्स लैबोरेट्री में काम करने वाले राणा ने कहा, ‘शहर की योजना बनाने के लिए यह सूचना बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूल बनाने के लिए, रीयल एस्टेट के लिए या रहने की जगह चुनने के लिए, यह सूचना महत्वपूर्ण है।’ राणा ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में शोर के स्तर का मापन असल में नहीं किया जाता लेकिन ब्रिटेन में हर पांच साल में शोर के नक्शे बनाए जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘शोर के स्तर का पता लगाने वाले नमूने हम मोबाइल फोनों से ले सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि आधुनिक स्मार्टफोन में जरूरी डाटा इकट्ठा करने वाले सेंसर लगे हैं। शुरुआती परीक्षण ऑस्ट्रेलिया के बड़े शहरों में किए गए और इनकी रीडिंग की पुष्टि व्यावसायिक रूप से उपलब्ध ध्वनि मीटरों से की गई। राणा के अनुसार, अब अगली चुनौती एक ऐसी लुभावनी व टिकाउ प्रक्रिया बनाना है जो लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सके। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 7, 2013, 13:23