Last Updated: Saturday, October 5, 2013, 18:31

बेंगलूर : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज कहा कि देश का 28 अक्टूबर वाला मंगल कक्ष अभियान (एमओएम) अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अंजाम दिया जायेगा। उसने इन सुझावों को खारिज कर दिया कि अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप होने से नासा अपना अंदरूनी अंतरिक्ष वाला नेटवर्क सहयोग प्रदान करने की स्थिति में नहीं होगा।
इसरो के प्रवक्ता देवीप्रसाद कार्णिक ने बताया, कोई विलंब नहीं है। हम लोग निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अपने एमओएम पर आगे बढ़ रहे हैं। बेंगलूर में मुख्यालय वाली अंतरिक्ष एजेंसी को नासा की इस घोषणा से काफी राहत मिली है वह अपने एमएवीईएन (मार्स एटमास्फियर एंड वोलाटाइल एवोल्यूशन) अभियान पर आगे बढ़ेगा। नासा के इस अभियान के तहत 18 नवंबर को प्रक्षेपण होना है।
दूसरे शब्दों में कहा जाये तो इसका यह अर्थ होगा कि नासा को अपना अंदरूनी अंतरिक्ष वाला नेटवर्क (डीएसएन) परिचालनरत रखना पड़ेगा। डीएसएन विभिन्न एंटीना का एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है जो अंतरग्रहीय अंतरिक्षयान अभियानों पर निगाह रखता है। भारत अपने एमओएम अंतरिक्षयान को 28 अक्तूबर को प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है। प्रक्षेपित होने के बाद एमओएम करीब 20.25 दिन पृथ्वी का चक्कर लगायेगा और उसके बाद लाल ग्रह के लिए नौ माह की अंतरिक्ष यात्रा पर निकलेगा।
इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि प्रक्षेपण के बाद शुरूआती दिनों में हमें नासा के डीएसएन सहयोग की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि छोटे एंटीना उसका पता लगा सकते हैं लेकिन जैसे ही यह पृथ्वी से दूर जाने लगेगा हमे सहयोग की जरूरत पड़ेगी। सूत्रों ने बताया कि इसरो के पास नासा का कोई ऐसा संदेश नहीं आया है कि वह भारतीय अभियान को सहयोग नहीं देगा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 5, 2013, 18:28