इसरो के मंगल यान ने भेजा पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सेट

इसरो के मंगल यान ने भेजा पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सेट

इसरो के मंगल यान ने भेजा पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सेट चेन्नई : लाल ग्रह के लिए भेजे गए भारत के पहले अभियान के तहत प्रक्षेपित मंगल यान ने आंध्र प्रदेश के तट की ओर बढ़ रहे भीषण चक्रवाती तूफान ‘हेलन’ की तस्वीरें कैद कर भेजी हैं।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को यहां बताया कि मंगलयान ने पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सेट भेजा है जिसमें भारतीय उपमहाद्वीप एवं अफ्रीका के कुछ भागों की तस्वीरों को कैद किया गया है। तूफान की तस्वीरें मंगलवार को ली गई थीं। यह तूफान कल आंध्र तट पर पहुंचेगा।

इसरो सूत्रों ने बताया कि हम अंतरिक्षयान पर लगे उपकरणों की जांच कर रहे हैं। ये तस्वीरें मार्स रिपीट मार्स आर्बिटर अंतरिक्षयान पर लगे मार्स कलर कैमरा से मंगलवार को दोपहर एक बजकर 50 मिनट पर 67975 किमी की उंचाई एवं 3.53 किमी के रिजोल्यूशन से ली गयी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या इन तस्वीरों को योजना के अनुसार खींचा गया क्योंकि अभियान तो मंगल ग्रह के लिए है, सूत्रों ने कहा कि यह अंतरिक्षयान पर लगे उपकरण की जांच का अंग है।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी को एक से अधिक तस्वीरें मिली हैं। लेकिन उसने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी केवल एक तस्वीर जारी की है। तस्वीर में भारतीय उप महाद्वीप एवं अफ्रीका के हिस्सों को कैद किया गया है विशेषकर आंध प्रदेश तट पर आने वाले चक्रवात हेलन को। मंगलयान को प्रक्षेपित किये जाने के बाद पहली बार इसमें लगे उपकरण के परिचालन की जांच की गयी है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि हेलन कल आंध्र प्रदेश के तट को पार करेगा और इसके प्रभाव से भारी वर्षा होगी।

इससे पूर्व इसरो ने मार्स आर्बिटर की पांच बार कक्षा बढ़ाये जाने के अभियान को संपन्न किया था। अंतरिक्ष यान के शिरोबिन्दु को 1.92 लाख किमी उपर उठाया गया था। इन अभियानों के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद मंगल अभियान में एक दिसंबर को रात 12 बजकर 42 मिनट पर ट्रांस मार्स इंजेक्शन के महत्वपूर्ण चरण को अंजाम दिया जाएगा। मंगल यान करीब 10 माह की अंतरिक्ष यात्रा करने के बाद 24 सितंबर 2014 को लाल ग्रह की कक्षा में पहुंचेगा। इसरो के पीएसएलवी सी 25 ने 1350 किग्रा वजन वाले मंगलयान आर्बिटर को पांच नवंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से दोपहर दो बजकर 38 मिनट पर प्रक्षेपित किया था और इसके करीब 44 मिनट बाद इसे पृथ्वी के इर्दगिर्द कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इसी के साथ 450 करोड़ रुपये की लागत वाले इस अभियान का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 21, 2013, 21:38

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