Last Updated: Friday, November 29, 2013, 18:37

बेंगलुरु : इसरो की योजना के मुताबिक यदि सब ठीक रहा तो भारत का मंगल आर्बिटर यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से शनिवार मध्यरात्रि के कुछ देर बाद 300 दिनों की यात्रा पर दूर अंतरिक्ष में ‘लाल ग्रह’ के लिए निकल जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 1 दिसंबर रात को एक जटिल ट्रांस मार्स इजेंक्शन (टीएमआई) के लिए तैयार है।
आर्बिटर अंतरिक्ष यान इस प्रक्रिया के जरिए पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकलने में सक्षम हो जाएगा और मंगल की यात्रा पर आगे बढ़ जाएगा। मिशन के कार्यक्रम निदेशक एम अन्नादुरई ने आज दोपहर बताया कि सब कुछ सामान्य है। सब कुछ ठीक चल रहा है। अन्य मिशन की तुलना में यह (टीएमआई) एक बहुत जटिल प्रक्रिया है। 5 नवंबर को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी 25 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किए जाने के बाद से यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में है।
इसरो के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि टीएमआई एक बड़ी प्रक्रिया है जिसके जरिए हम अंतरिक्षयान को मार्स ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में उतने वेग से भेज रहे हैं जितना कि इसे पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से निकालने के लिए जरूरत है। अधिकारी ने बताया कि टीएमआई एक अहम प्रक्रिया है क्योंकि इसके लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि अंतरिक्ष यान सही दिशा में जाए। मिशन की यह सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
यह एक अहम प्रक्रिया इसलिए है कि इससे यह अनुमान मिलेगा कि अंतरिक्ष यान 24 सितंबर को शाम पौने सात बजे मंगल के चारों ओर की दीर्घवृत्ताकार निर्धारित कक्षा से 50 किलोमीटर आगे या पीछे होगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 29, 2013, 18:37