अधूरी नींद में काम करने से अच्छी है झपकी : शोध

अधूरी नींद में काम करने से अच्छी है झपकी : शोध

अधूरी नींद में काम करने से अच्छी है झपकी : शोध  न्यूयॉर्क: काम के बोझ से आप थक चुके हैं और नींद की एक झपकी लेने के लिए कोना तलाश रहे हैं? ऐसा चाहने वाले आप अकेले नहीं हैं। एक नया शोध खुलासा करता है कि एक सप्ताह में कम से कम एक बार छह में से एक कर्मचारी की सीट पर बैठे-बैठे आंख लग जाती है। 1,140 कामकाजी अमेरिकी नागरिकों पर किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि सप्ताह के हर दिन 76 प्रतिशत कर्मचारियों ने थकान महसूस की, जबकि 30 प्रतिशत कर्मी अपनी नींद की गुणवत्ता और मात्रा से नाखुश या बेहद नाखुश थे।

सर्वेक्षण कराने वाले वर्जिन प्लस इंस्टीट्यूट के निदेशक जेनिफर टुर्गिस ने कहा कि अधूरी नींद में काम करना नशे में काम करने के बराबर हो सकता है। `वर्जिन प्लस` मैसाचुसेट्स स्थित एक कर्मचारी कल्याण कंपनी है।

सर्वेक्षण के अनुसार, 15 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि वह दफ्तर में काम करने के दौरान सप्ताह में कम से कम एक बार सीट पर ही सो जाते हैं। करीब 30 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि वे जितनी नींद लेते हैं, उससे खुश नहीं हैं।

सर्वेक्षण में कहा गया कि करीब 72 प्रतिशत लोगों ने दफ्तर में सोने की वजह के तौर पर कहा कि घर पर उनका जीवनसाथी उन्हें जगाए रखता है, जबकि 69 प्रतिशत ने अवांछित शोर पर दोष मढ़ दिया। करीब 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके गद्दे सुकून से सोने के लिहाज से बहुत आरामदायक नहीं हैं।

टुर्गिस के हवाले से कहा गया कि जो कर्मचारी अच्छे से नहीं सोते, उनमें ध्यान की कमी, निर्णय लेने में असमर्थता और तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने की क्षमता कम होती है। उन्होंने कहा कि आरामदायक कार्यस्थल कंपनी की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 28, 2014, 18:19

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