Last Updated: Thursday, February 20, 2014, 23:59

नई दिल्ली : दुनियाभर में लोगों को स्ट्रीट व्यू के जरिए ताजमहल समेत अन्य राष्ट्रीय महत्व के 100 भारतीय स्मारकों को ऑनलाइन देखने का अवसर मिलेगा। गूगल इंडिया ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ मिलकर गुरुवार को गूगल मैप्स तथा गूगल कल्चरल इंस्टीट्यूट पर ताजमहल समेत हुमायूं के मकबरे, लाल किला और आगरा किले की पहली 360-डिग्री ऑनलाइन इमेजरी की शुरुआत की है।
एएसआई और गूगल मिलकर ऐसे कुल 30 स्थलों की पैनोरामिक इमेजरी जारी कर रहे हैं। इस पहल के साथ ही भारत के 100 सर्वाधिक महत्वपूर्ण धरोहर स्थलों को दुनियाभर के दर्शनार्थियों के लिए और सुगम बना दिया जाएगा। गूगल मैप्स और कल्चरल इंस्टीट्यूट पर लाइव होने वाले ये सभी ऐतिहासिक स्थल 100 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं और इस पहल के चलते लोगों को ऑनलाइन इन्हें देखने का मौका मिलेगा। गूगल ने इस पहल के माध्यम से देश-विदेश में बसे लोगों को भारतीय संस्कृति तथा विरासत को देखने-समझने का अवसर दिया है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने इस अवसर पर कहा कि गूगल के साथ हमारी भागीदारी ने दुनियाभर में अरबों लोगों को हमारी महान ऐतिहासिक विरासत को देखने-जानने, रॉक कट जैन मंदिर में पदयात्रा करने, नागार्जुन कोंडा बौद्ध स्तूपों को निहारने और फतेहपुर सीकरी के इतिहास को जीने का मौका दिया है। गूगल इंडिया के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजन आनंदन ने कहा कि गूगल दुनियाभर में सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण और उनका प्रदर्शन करने के लिए वचनबद्ध है। भारत अपनी विरासत और ऐतिहासिक स्मारकों के अद्भुत खजाने के चलते दुनियाभर में अनूठा देश है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के साथ काम करना हमारे लिए सचमुच सम्मान का विषय है और हमने उनके साथ मिलकर इन 30 ऐतिहासिक भारतीय धरोहर स्थलों की 360 डिग्री तस्वीरें लीं हैं और हमें उम्मीद है कि यह पहल देश-विदेश में भारतीय विरासत और संस्कृति को लोगों तक पहुंचाएगी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेश प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि आज गूगल मैप्स और गूगल कल्चरल इंस्टीट्यूट के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध हुईं तस्वीरों के चलते दुनियाभर के लोगों को भारत के कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों को देखने, उन्हें समझने और उनके बारे में बेहतर तरीके से जानने का अवसर मिलेगा। हमें आशा है कि ताज महल, आगरा का किला और कुतुब मीनार जैसे राष्ट्रीय खजानों को टटोलने का यह नया तरीका भारत की संस्कृति को नए दर्शकों तक पहुंचाएगा और साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की पहचान भी सुरक्षित रखेगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 20, 2014, 23:59