Last Updated: Thursday, December 19, 2013, 21:39
नई दिल्ली : एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई एवं बेंगलुरु सहित भारत के विभिन्न शहरों में 10 व्यक्तियों में से एक हाइपोथाइरोडिज्म से ग्रसित है। इस रोग में थायरायड ग्रंथि प्रभावित हो जाती है।
थायरायड के बारे में प्रमुख दवा कंपनी एबाट इंडिया द्वारा जारी अध्ययन ‘थायरायड एपिडेमिओलाजिकल स्टडी’ के अनुसार भारत के आठ शहरों में 5360 लोगों के अध्ययन में पाया गया कि 11 प्रतिशत लोग हाइपोथाइरोडिज्म से पीड़ित हैं। अध्ययन के अनुसार भारत की 10.95 प्रतिशत नमूना आबादी हाइपोथाइरोडिज्म से ग्रस्त पाई गई जो थायरायड ग्रंथि की समस्या का सामान्य स्वरूप है। अध्ययन में दिल्ली में 1436 व्यक्तियों को शामिल किया गया था जिनमें 11 प्रतिशत से अधिक हाइपोथाइरोडिज्म से ग्रसित थे।
एबाट इंडिया के प्रबंध निदेशक रेहान ए खान ने कहा कि शहर आधारित अध्ययन से भारत में आयोडीन पर जोर दिए जाने के बाद थायरायड समस्या की वास्तविक तस्वीर उभर सकेगी। विशेषज्ञों के अनुसार यदि उपचार नहीं किया गया तो हाइपोथाइरोडिज्म से कोलोस्ट्राल का स्तर बढ़ जाता है, रक्तचाप में वृद्धि होती है, कार्डियोवस्कुलर जटिलताओं की दर में इजाफा होता है, प्रजनन क्षमता घटती है और अवसाद बढ़ता है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 19, 2013, 21:39