धान की उपज बढ़ाने वाले सुपर जीन की खोज

धान की उपज बढ़ाने वाले सुपर जीन की खोज

धान की उपज बढ़ाने वाले सुपर जीन की खोज मनीला : एक चावल का जीन, जो बासमती सहित इंडिका चावल किस्मों के उत्पादन को 36 प्रतिशत तक बढ़ाता है, की खोज अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के समूह ने की है।

भारत और थाइलैंड सहित दक्षिणी एशिया में उत्पादित होने वाले अधिकांश चावल इंडिका चावल हैं। प्राथमिक जांच में जापान और अंतरराष्ट्रीय चावल शोध संस्थान (आईआरआरआई) के शोधकर्ताओं ने यहां पाया कि ‘स्पाइक’ जीन को शामिल करने से आधुनिक लंबे अनाज चावल किस्म की उपज को 13 से 36 प्रतिशत तक बढ़ाता है जो दुनिया में ज्यादातर उगाये जाने वाली किस्म है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि धान की ब्रीडिंग में स्पाइक का इस्तेमाल दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में इंडिका उगाने वाले क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में योगदान कर सकता है। आईआरआरआई के जेनेटिक ट्रांसफार्मेशन लेबोरेटरी के प्रमुख डा इनेज स्लेमेट लोएडिन ने कहा कि हमारा काम दर्शाता है कि उपज बढ़ाने के लिए स्पाइक एक महत्वपूर्ण जीन है जिसकी खोज में ब्रीडरों ने काफी वर्ष गुजारा है। जापान में फसल विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय कृषि एवं खाद्य शोध संगठन के धान ब्रीडर डा नोबुया कोबायाशी ने कहा कि हमने ‘स्पाइक’ जीन को इंडोनेशियन ट्रापिकल जेपोनिका धान किस्म में खोज निकाला है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 5, 2013, 21:18

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