Last Updated: Friday, November 1, 2013, 18:17

वाशिंगटन : वातावरण से ग्रीन हाउस गैसों को कम करने के प्रयास के तहत पर्यावरण के साथ किए जा रहे विभिन्न भूगर्भ-अभियांत्रिकी प्रयोगों से पूर्वी एशिया सहित दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाली बारिश की मात्रा कम हो सकती है।
एक नए अध्ययन के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि यह सच है कि वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा बढ़ने से भी पूरी दुनिया में वर्षण प्रभावित होगा लेकिन भविष्य में जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए तकनीक का उपयोग भी बारिश और हिमपात की मात्रा पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
नेशनल सेंटर फॉर एटमोस्फेयरिक रिसर्च (एनसीएआर) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान में पाया गया है कि ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ने से होने वाला जलवायु परिवर्तन औद्योगिकीकरण से पहले होने वाली बारिश के मुकाबले उसकी मात्रा में करीब सात प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है।
जबकि दूसरी ओर देखें तो इस समस्या से निपटने के लिए किए जा रहे भूगर्भ-अभियांत्रिकी प्रयोगों के कारण उत्तरी अमेरिका, पूर्वी एशिया और अन्य क्षेत्रों में औद्योगिकीकरण से पहले होने वाली बारिश के मुकाबले मानसून से होने वाली बारिश की मात्रा में पांच से सात प्रतिशत की कमी आएगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 1, 2013, 18:17