Last Updated: Saturday, December 21, 2013, 00:33

हिसार : हिसार स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) ने शुक्रवार को कहा कि उसे दूध और दूध उत्पाद में रासायनिक अवशिष्टों का पता लगाने वाली तकनीक के लिए पेटेन्ट जारी किया गया है।
इसकी घोषणा करते हुए कुलपति केएस खोखर ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार के पेटेन्ट कार्यालय ने इस पद्धति को पेटेन्ट प्रदान किया है। इसे कीट विज्ञान (इन्टेमोलॉजी) विभाग में वरिष्ठ अवशिष्ट रसायनशास्त्री बीना कुमारी द्वारा विकसित किया है। खोखर ने कहा कि कृषि के मौजूदा परिदृश्य में जलवायु के विभिन्न अवयवों और खाद्य जिंसों में कीटनाशकों का अवशिष्ट होना एक गंभीर वैश्विक समस्या और खतरा है।
उन्होंने कहा कि दूध और दुग्ध उत्पादों में बहु अवशिष्टों का अनुमान लगाने की पद्धति केवल आसान ही नहीं बल्कि संवेदनशील और जल्दी किये जा सकने के साथ कम लागत का भी है। खोखर ने कहा कि यह डेयरी उद्योग और डेयरी व्यवसाय के लिए काफी उपयोगी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को अभी तक दिया गया यह 10 वां पेटेन्ट है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 21, 2013, 00:33