कम खुश रहने लगे हैं देश के नौनिहाल

कम खुश रहने लगे हैं देश के नौनिहाल

कम खुश रहने लगे हैं देश के नौनिहालनई दिल्ली: देश के शहरी इलाकों में पलने-बढ़ने वाले बच्चे माता-पिता से लगातार बढ़ रही दूरी के कारण अब कम खुश रहने लगे हैं। एक ताजा अध्ययन में विशेषज्ञों ने इस बात का खुलासा किया। बाल मनोचिकित्सक एन्न सिमी जॉन ने बताया कि आजकल बच्चों और माता-पिता के बीच रिश्ते पहले जैसे मजबूत नहीं रहे, और उनके बीच बातचीत भी काफी कम हो गई है, जिसके कारण ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है।

बच्चों में खुशी लाने के उद्देश्य से आयोजित एक कार्यशाला में विशेषज्ञों ने अभिभावकों को अपने परिवार के लिए अधिक से अधिक समय निकालने और प्रत्येक बच्चे के साथ अलग से बातचीत के लिए समय निकालने का सुझाव दिया।

जॉन ने कहा कि चूंकि बच्चों और उनके माता-पिता के बीच बातचीत बहुत कम हो गया है, इसलिए बच्चे इससे उबरने के लिए मित्रों, नशीले पदार्थो एवं अन्य आसक्तियों का सहारा लेते हैं।

वेबसाइट `पैरेंट्यून डॉट कॉम` पर बाल शिक्षा विशेषज्ञ नितिन पांडे ने कहा कि हम अपने समय में अपने दादा-दादी के साथ रहते थे, जो हमेशा हमारे साथ रहते थे, लेकिन आज ऐसा नहीं है। इसलिए बच्चे प्रेम से वंचित रह जाते हैं।

कुछ विशेषज्ञों का हालांकि मानना है कि इसमें अभिभावकों की सारी गलती नहीं है, क्योंकि आज उन्हें अतिरिक्त आर्थिक दबाव झेलना पड़ता है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 22, 2013, 17:44

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