टहलने से आपकी रचनात्मक सोच को लग जाएंगे पंख

टहलने से आपकी रचनात्मक सोच को लग जाएंगे पंख

टहलने से आपकी रचनात्मक सोच को लग जाएंगे पंखवाशिंगटन: क्या आप अपने कार्यालय की किसी समस्या का समाधान नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं या फिर कोई रचनात्मक चीज लिखते समय आपका दिमाग काम नहीं कर रहा है? तो फिर आसपास थोड़ा टहलिए, क्योंकि एक शोध के मुताबिक बैठने की अपेक्षा टहलते समय सोच ज्यादा रचनात्मक होती है। सेंटा क्लेरा यूनिवर्सिटी के मेरिली ओपेजे ने बताया कि जिंदगी में शारीरिक क्रियाएं शामिल होना हमारे दिल ही नहीं बल्कि दिमाग के लिए भी लाभदायक है। बहुत से लोग दावा करते हैं कि वह टहले समय ही अच्छी तरह से सोच पाते हैं।

ओपेजो और उनके स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एजुकेशन के उसके साथी डेनियल एल. श्वार्ट्ज ने इसके लिए 176 लोगों पर अध्ययन किया, जिसमें ज्यादातर कॉलेज छात्र थे।

उन्होंने पाया कि रचनात्मक सोच को मापने वाले परीक्षण में बैठे रहने वालों की अपेक्षा टहलने वालों की प्रतिक्रिया ज्यादा रचनात्मक थी। टहलते हुए परीक्षण देने वाले छात्र एक ही अनुभव में ज्यादा रचनात्मक दिखे।

`जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी : लर्निग, मेमोरी एंड कॉग्निशन` शोधपत्र में प्रकाशित अध्यन में बताया गया कि अन्य परीक्षणों में भी टहलने वाले समूहों की प्रतिक्रिया, बैठने वालों की अपेक्षा बेहतर रही। (एजेंसी)

First Published: Friday, April 25, 2014, 15:23

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