Last Updated: Monday, November 18, 2013, 13:13

मुंबई : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने आखिरी दिन पिच को नमन करने वाले दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने रविवार को कहा कि 22 गज की यह दूरी उनके लिये हमेशा मंदिर जैसी रही। तेंदुलकर शनिवार को भारत की वेस्टइंडीज पर जीत के बाद पिच को नमन करने के लिये गये। अपना 200वां टेस्ट मैच खेलकर संन्यास लेने के एक दिन बाद रविवार को यहां अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में इस स्टार क्रिकेटर ने कहा वह जो कुछ भी हैं इसी पिच की बदौलत हैं।
उन्होंने कहा, मुझे पता है कि मैं कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाउंगा। मुझे इस 22 गज ने जिंदगी में सब कुछ दिया है। आज मैं जो कुछ हूं उसी की वजह हूं। मेरे लिए वह मंदिर जैसा है। मैं क्रिकेट को धन्यवाद देना चाहता हूं। तेंदुलकर से जब पूछा गया कि शनिवार को जब भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा था तो क्या उन पर भी जज्बात हावी थे, उन्होंने कहा, संन्यास का मेरा फैसला सही था। मेरे परिवार में सभी भावुक हो रहे थे। मैं भावुक तब हुआ जब साथी खिलाड़ियों ने मुझे विदाई दी। भावुक तब हुआ जब मैं विकेट के पास गया। असल में मैं तब विकेट से बात कर रहा था।
उन्होंने कहा, अब वह पल देखता हूं तो थोड़ा भावुक हो जाता हूं लेकिन मुझ पर भावनाएं ज्यादा हावी नहीं थी क्योंकि मैंने सही फैसला किया। जब मैं यह सोच रहा था कि अब मैं कभी भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाउंगा तब मैं कुछ भावुक हो रहा था। उन्होंने कहा, मैं आगे भी निश्चित रूप से क्रिकेट से जुड़ा रहूंगा। मैं पहले भी युवाओं की मदद करता रहा हूं। मैं अंडर-19, रणजी ट्रॉफी में खिलाड़ियों के साथ बात करता रहा हूं। मुझे युवाओं से बात करना, अपना ज्ञान बांटना पसंद है। मैं इस तरह की बातचीत का लुत्फ उठाता हूं और आगे भी ऐसा करता रहूंगा। मुझे युवाओं की मदद करना पसंद है।
तेंदुलकर ने इसके साथ ही कहा कि उन्होंने अभी अपने भविष्य के लिये कोई योजना नहीं बनायी है। उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, मैंने 24 साल तक क्रिकेट खेली और अभी मुझे संन्यास लिए हुए 24 घंटे ही हुए है। कम से कम मुझे इस पर विचार करने के लिए 24 दिन का समय तो दीजिए। उसके बाद ही विचार करूंगा कि आगे क्या करना है। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 18, 2013, 11:43