श्रृंखला में बने रहने के लिए भारत की निगाहें जीत पर

श्रृंखला में बने रहने के लिए भारत की निगाहें जीत पर

श्रृंखला में बने रहने के लिए भारत की निगाहें जीत पर डरबन : पहले मैच में मिली 141 रन की करारी शिकस्त के बाद ‘करो या मरो’ के हालात का सामना कर रही भारतीय टीम रविवार को यहां दूसरे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत दर्ज करने की मुहिम में सुधरा प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी, विशेषकर गेंदबाजी विभाग में।

जोहानिसबर्ग में मिली निराशाजनक शिकस्त के बाद भारतीय टीम के पास तीन मैचों की श्रृंखला में बने रहने के लिये कल जीत के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को समर्पित किया गया जिनका कल निधन हो गया था।

भारतीय टीम का स्वागत बादल भरे आसमान से हुआ, यहां पिछले हफ्ते से बारिश हो रही है। हालांकि ऐसी भी बातें चल रही हैं कि किंग्समीड स्टेडियम की पिच भारतीयों की मनपसंद होगी, लेकिन धूप की कमी का असर इस पर जरूर पड़ेगा। रंगभेद विरोधी नेता मंडेला के निधन के बाद दक्षिण अफ्रीका में शोक व्याप्त है और भारतीय टीम उम्मीद लगाये होगी कि उनके प्रतिद्वंद्वियों का ध्यान थोड़ा भंग होगा।

मेहमान टीम के लिये हालांकि चिंता की कई और बाते भी हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण गेंदबाजी है। यह उनकी सबसे कमजोर कड़ी थी जो जग जागिर है। क्विंटन डि कॉक, एबी डिविलियर्स और जेपी डुमिनी ने जिस तरह से भारतीय गेंदबाजों की धज्जियां उड़ायीं, उसने सभी को चकित कर दिया।

खराब गेंदबाजी एक चीज है और जैसे मैच आगे बढ़ता है युवा खिलाड़ी सीखना और अनुकूलित होना शुरू कर देते हैं। लेकिन दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने जोहानिसबर्ग में अपनी इच्छानुसार जिस तरह से रनों का पहाड़ लगाया, भारतीय गेंदबाजों को पकड़ बनाने का जरा भी मौका नहीं मिला।

जोहानिसबर्ग में ऐसे खराब प्रदर्शन का मुख्य कारण भुवनेश्वर कुमार और मोहित शर्मा की गेंदबाजी में रफ्तार की कमी था। केवल मोहम्मद शमी ही अपने शुरूआती स्पैल में डि कॉक और हाशिम अमला को थोड़ा असहज करते दिखे। भारतीय गेंदबाज वांडर्स की पिच से उछाल नही हासिल कर सके जबकि डेल स्टेन और मोर्ने मोर्कल ने बाद में अपनी तेजी से बेहतर रफ्तार और उछाल हासिल की। भारतीय टीम के थिंक टैंक ने शायद उमेश यादव को छोड़कर गलती की क्योंकि वह काफी तेज गेंदबाज है और उन्हें विदेशी मैदानों पर खेलने का थोड़ा अनुभव भी है।

अगर आसमान बादलों से घिरा रहता है तो पिच पिछले मैच की तरह ही होगी। यादव अंतिम एकादश में भुवनेश्वर का स्थान ले सकते हैं। ऐसा नहीं होता तो दो स्पिनर आर अश्विन और रविंद्र जडेजा उम्मीद करेंगे कि वे स्थान भरने और रन गंवाने के बजाय टीम में बेहतर भूमिका निभायें।

दक्षिण अफ्रीकी टीम लेग स्पिनर इमरान ताहिर को कल अंतिम एकादश में चुन सकती है। कप्तान एबी डिविलियर्स ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में सात बल्लेबाजों के स्थान में बदलाव की बात की थी, जिसमें ग्रीम स्मिथ पारी का आगाज और क्विंटन डि कॉक तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर सकते हैं।

सूखी और सपाट पिच को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका इस संयोजन के साथ उतर सकती है, जो स्मिथ के वनडे करियर को सहारा देगा। हालांकि यह देखना होगा कि वे बल्लेबाजी संयोजन में बदलाव करते हैं या नहीं क्योंकि उन्होंने ऐसी पिच पर 358 रन बनाये जो 300 रन से ज्यादा के स्कोर के लिये नहीं थी। (एजेंसी)

First Published: Saturday, December 7, 2013, 16:39

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