आइबा ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ को किया बर्खास्त

आइबा ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ को किया बर्खास्त

आइबा ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ को किया बर्खास्त लुसाने (स्विट्जरलैंड) : निलंबित भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (आईबीएफ) में वर्तमान गतिरोध से नाराज अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आइबा) ने अब आईबीएफ को पूरी तरह से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उसने कहा कि आईबीएफ के वर्तमान पदाधिकारियों ने खेल की ‘छवि, ख्याति और हितों’ को नुकसान पहुंचाया। आइबा ने कड़े शब्दों वाले बयान में कहा कि विभिन्न हितधारकों से परस्पर विरोधी टिप्पणियां मिलने के बाद वह भारत के मसले से कैसे निबटा जाए इसको लेकर ‘उचित’ फैसला करने की स्थिति में नहीं था।

आईबीएफ को बर्खास्त करने से मुक्केबाजों और प्रशिक्षकों पर हालांकि असर नहीं पड़ेगा और वे मामला सुलझने तक आइबा के ध्वज तले अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं। विश्व संस्था ने अपने बयान में कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आइबा) की कार्यकारी समिति ने भारत में मुक्केबाजों से जुड़े सभी मसलों के व्यापक मूल्यांकन और आकलन के बाद बड़े खेद के साथ अपने वर्तमान निलंबित सदस्य भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के साथ आधिकारिक रिश्ते समाप्त करने का फैसला किया है।’ आइबा अध्यक्ष चिंग कुवो वु ने कहा कि नए चुनावों और नए अधिकारियों के पदभार ग्रहण करने तक आइबीएफ को मान्यता मिलने की संभावना नहीं है।

वु ने कहा, ‘आइबा अध्यक्ष और पूरे मुक्केबाजी परिवार की तरफ से मुझे बहुत खेद और दुख है कि हमें यह फैसला करना पड़ा।’ सूत्रों ने कहा कि आइबा का वर्तमान फैसला आईओए महासचिव राजीव मेहता के पत्र का परिणाम है जिसमें उन्होंने विश्व संस्था को आइबीएफ के वर्तमान पदाधिकारियों को मान्यता देने के लिये कहा था। आइबा को यह आग्रह नागवार गुजरा और उसने भारत को बर्खास्त करने का फैसला कर दिया।

आइबा ने आईबीएफ को छह दिसंबर 2012 को अस्थायी रूप से निलंबित किया था। उसने लगभग 16 महीने से किसी आधिकारिक गतिविधि को मान्यता नहीं दी और ना ही भारतीय अधिकारियों का पक्ष लिया। आइबा ने हालांकि वादा किया कि था अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति जब भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का निलंबन समाप्त कर देगा तो वह स्थिति की समीक्षा करेगा।

आइबा ने कहा, ‘फिर भी आईओए चुनावों और निलंबन हटने के बाद आइबा को भारत में मुक्केबाजी के संचालन के लिए कई समूहों की तरफ से अलग-अलग तरह के वादे हमसे किए और इसलिए आइबा के लिए भारत में राष्ट्रीय महासंघ से निबटने के संदर्भ में उचित फैसला करना पूरी तरह से असंभव हो गया।’

विश्व संस्था ने कहा कि वह ताजा चुनावों के बाद आईबीएफ में साफ सुथरी छवि के पदाधिकारी चाहता है। चुनावों में संभावित हेराफेरी के कारण आईबीएफ को निलंबित किया गया था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 4, 2014, 12:31

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