विश्व शतरंज चैंपियनशिप : विश्वनाथन आनंद की निगाहें छठे खिताब पर

विश्व शतरंज चैंपियनशिप : विश्वनाथन आनंद की निगाहें छठे खिताब पर

विश्व शतरंज चैंपियनशिप : विश्वनाथन आनंद की निगाहें छठे खिताब परचेन्नई : शतरंज के इतिहास में 40 साल से भी अधिक समय का सबसे हाई प्रोफाइनल मुकाबला शनिवार को गत चैम्पियन भारत के विश्वनाथन आनंद और चैलेंजर नार्वे के मैग्नस कार्लसन के बीच विश्व शतरंज चैम्पियनशिप के साथ शुरू होगा।

पांच बार के विश्व चैम्पियन आनंद और 22 वर्षीय दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी कार्लसन के बीच होने वाले मैच की हाईप की तुलना 1972 में बॉबी फिशर और बोरिस स्पास्की के बीच हुए ऐतिहासिक मुकाबले से की जा रही है। इस हाईप पर हालांकि शनिवार को हयात रीजेंसी होटल में पहले दौर की बाजी की शुरुआत के साथ ही विराम लग जाएगा।

9 से 28 नवंबर तक चलने वाले इस 12 बाजी के मुकाबले की पहली बाजी में कार्लसन सफेद मोहरों के साथ खेलेंगे। आनंद को पहले भी इस तरह के मुकाबलों में खेलने का अनुभव हासिल है जबकि कार्लसन पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में खेल रहे हैं। नार्वे के इस खिलाड़ी को प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकन उनके हाव भाव दर्शा रहे हैं कि कुछ हद तक इस उम्र के अन्य युवाओं की तरह वे भी भोले हैं।

आनंद ने 2000 2007 2008 2010 और 2012 के विश्व चैम्पियनशिप जीती और इस प्रतिष्ठित चैम्पियनशिप की शुरुआत वह अधिकतर काले मोहरों से ही करते आए हैं। रूस के व्लादिमीर क्रैमनिक के खिलाफ 2008 में बोन और 2010 में बुल्गारिया के वेसेलिन टोपालोव के खिलाफ उन्होंने काले मोहरों के साथ शुरुआत की थी जिसे शतरंज में थोड़ा प्रतिकूल माना जाता है।

आनंद हालांकि इन दोनों मुकाबलों में जीत दर्ज करने में सफल रहे। इस भारतीय ने हालांकि 2012 में इस्राइल के बोरिस गेलफेंड के खिलाफ सफेद मोहरों से शुरुआत करते हुए जीत हासिल की। अपने छठे विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश कर रहे आनंद अपने जीवन की सबसे बड़ी चुनौती से पहले आश्वस्त लग रहे हैं जबकि कार्लसन अच्छी तरह से तैयार नजर आ रहे हैं।

अब यह देखना होगा कि आनंद की तैयारी उन्हें एक बार फिर शतरंज का सिरमौर बनाती है या फिर कार्लसन इस भारतीय से विश्व खिताब जीतने में सफल रहते हैं। तैयारी के बारे में पूछने पर आनंद ने कहा मैंने हमेशा की तरह तैयारी की है। कुछ महीनों की ट्रेनिंग और मुझे लगता है कि मैं आक्रमण के लिए तैयार हूं।

हम देखेंगे कि यह कैसा रहता है लेकिन मुझे लगता है कि मैं खेलने के लिए तैयार हूं। मैं घरेलू शहर में खेलने को लेकर रोमांचित हूं। मैं मैच को लेकर बेताब हूं। आनंद ने पांच विश्व खिताब जीते हैं और उन्होंने कहा कि इस मैच में यह अनुभव अहम साबित हो सकता है। उन्होंने कहा बेशक यह कई पहलुओं में से एक है। मैं इस पहलुओं को अपने खेल में लेकर आउंगा।

निश्चित तौर पर यह मेरे संसाधनों में शामिल है जिनसे मैं फायदा उठाना चाहता हूं। देखते है क्या होता है। कार्लसन ने हालांकि कुछ विशेषज्ञों के इस नजरिए को अधिक महत्व नहीं दिया कि वह मैच की शुरुआत प्रबल दावेदार के रूप में करेंगे। उन्होंने कहा मुझे नहीं पता कि लोग मुझे प्रबल दावेदार समझ रहे हैं या नहीं लेकिन आम तौर पर मैं टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद करता हूं।

अगर मैं अपने क्षमता और स्तर के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहा तो मैं जीत सकता हूं और यहां भी मेरी मानसिकता ऐसी ही है। क्लासिकल शैली के तहत खेले जाने वाले इस मैच में जो खिलाड़ी पहले 6.5 अंक बना लेगा वह जीत दर्ज कर लेगा। अगर यह 12वीं बाजी से पहले होता है तो बाकी बाजियां नहीं होगी और विजेता को पुरस्कार राशि का 60 प्रतिशत मिल जाएगा।

बारह बाजी के बाद भी अगर अंक बराबर रहते हैं तो विजेता का फैसला करने के लिए कम समय की बाजियां होंगी। टाईब्रेकर से अगर विजेता का फैसला होता है तो विजेता को कुल इनामी राशि का 55 प्रतिशत हिस्सा ही मिलेगा। (एजेंसी)

First Published: Saturday, November 9, 2013, 09:17

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