Last Updated: Friday, January 24, 2014, 17:41

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी ढांचे में प्रस्तावित बदलाव से विश्व क्रिकेट के दो फाड़ होने की संभावना को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि बीसीसीआई आज अगर ‘वित्तीय और क्रिकेट’ के स्तर पर मजबूत है तो उसे इसका फायदा उठाना चाहिए।
बीसीसीआई उपाध्यक्ष एस पी बंसल ने सवाल उठाया कि जब 70 और 80 के दशक में इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज जैसी बड़ी टीमें भारत में खेलने के लिये गारंटी राशि मांगती थी तो यदि उसमें बुराई नहीं थी तो अब भारतीय बोर्ड राजस्व का बड़ा हिस्सा लेना चाहता है उसमें क्या बुराई है?
बंसल ने यहां रामजस स्पोर्ट्स एंड माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट के खेल दिवस से इतर पत्रकारों से कहा, ‘एक वक्त था जब बड़ी टीमें हमारे साथ खेलने के लिए गारंटी राशि मांगती थी और तब हम उन्हें यह राशि देते थे। आज जब हम न सिर्फ वित्तीय रूप से बल्कि क्रिकेट के स्तर पर भी मजबूत हैं। आज भारत विश्व क्रिकेट का 70 प्रतिशत राजस्व पैदा करता है फिर अगर हम राजस्व का ज्यादा हिस्सा मांगते हैं तो इसमें क्या बुराई है।’
बंसल से पूछा गया कि क्या इस मसौदा प्रस्ताव के कारण विश्व क्रिकेट दो गुटों में बंट सकता है क्योंकि क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका क्रिकेट खुलकर इसका विरोध कर चुके हैं, उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इससे क्रिकेट दो फाड़ हो जाएगा।’ इस प्रस्ताव का मसौदा आईसीसी वित्त एवं व्यावसायिक कल्याण समिति के कार्यकारी समूह ने तैयार किया है।
उसने आईसीसी के राजस्व वितरण ढांचे, प्रशासनिक ढांचे और भविष्य के दौरा कार्यक्रम में आमूलचूल बदलाव की सिफारिश की है। इसमें लगभग प्रत्येक सिफारिश में आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारतीय क्रिकेट बोर्ड को बोर्ड रूम और मैदान दोनों जगहों पर अधिक भागीदारी के लिए कहा गया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 24, 2014, 17:41