Last Updated: Saturday, December 28, 2013, 18:13
चेन्नई : इंडियन प्रीमियर लीग के प्रतिबंधित पूर्व आयुक्त ललित मोदी के राजस्थान क्रिकेट संघ में संभावित पुन: प्रवेश से निपटने की अजीब स्थिति का सामना कर रहे बीसीसीआई ने आज फैसला किया कि वह सुप्रीम कोर्ट में आरसीए चुनावों को चुनौती देने वाली याचिका में पक्ष बनेगा और अपनी स्थिति स्पष्ट करेगा।
आरसीए में मोदी के पुन: प्रवेश के संभावित नतीजों पर चर्चा के लिए आयोजित बोर्ड की कार्य समिति की आपात बैठक में फैसला किया गया कि सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुपति याचिका का हिस्सा बना जाएगा। बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने विज्ञप्ति में कहा, ‘बीसीसीआई की कार्य समिति की बैठक आज हुई जिसमें ललित मोदी को बाहर करने के सदस्यों के फैसले को लागू करने के लिए उठाए जाने वाले कदम पर फैसला किया गया। सदस्यों ने इस बात पर गौर किया कि ललित मोदी ने बीसीसीआई से बर्खास्तगी के बावजूद राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा है।’
उन्होंने कहा, ‘सदस्यों ने फैसला किया किया बीसीसीआई केा उच्चतम न्यायालय में राजस्थान खेल अधिनिधिम को चुनौती देने के लिए रूंगटा द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका में हस्तक्षेप करना चाहिए और बीसीसीआई की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे कि बीसीसीआई 25 सितंबर 2013 को ललित मोदी को बख्रास्त करने के अपने फैसले का लागू कर सके।’
बोर्ड ने हालांकि कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दायरे में’ राजस्थान में खेल के हितों को ध्यान में रखते हुए दोषी सदस्य के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। कार्य समिति और अन्य आमंत्रित सदस्यों ने अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की जिसमें भ्रष्टाचार रोधी इकाई भी गतिविधियां भी शामिल हैं। रवि सवानी ने इस दौरान प्रेजेंटेशन दिया जबकि आयकर से जुड़े मुद्दों को भी उठाया गया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक ने मोदी को 19 दिसंबर को हुए आरसीए के चुनावों में हिस्सा लेने की स्वीकृति दे दी थी। इस चुनाव के नतीजे छह जनवरी को पता चलने की उम्मीद है जब आरसीए से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए आएगा।
इससे पहले राजस्थान क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि और ललित मोदी के वकील महमूद अब्दी आज यहां बोर्ड की कार्य समिति की बैठक के दौरान पक्ष रखने पहुंचे कि कैसे आईपीएल के प्रतिबंधित पूर्व आयुक्त को आरसीए चुनाव में हिस्सा लेने की स्वीकृति दी गई। अब्दी गंगानगर जिला संघ के अध्यक्ष हैं और आरसीए के बीसीसीआई की कार्य समिति का सदस्य नहीं होने के बावजूद वह यहां पहुंचे। आरसीए ने हालांकि दावा किया कि अब्दी से गलत व्यवहार किया गया और उन्हें बैठक में हिस्सा लेने की स्वीकृति नहीं दी गई।
बीसीसीआई सचिव संजय पटेल को भेजे ईमेल में आरसीए सचिव केके शर्मा ने बैठक का आयोजन कर रहे होटल में सुरक्षाकर्मियों ने अब्दी के साथ जिस तरह का व्यवहार करके राज्य इकाई को शर्मसार किया है उसके लिए माफी मांगने को कहा है। शर्मा ने कहा, ‘हमारे प्रतिनिधि के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया उससे मैं पूरी तरह से हताश हूं। कम से कम यह किया जा सकता था कि आप हमारे आग्रह को कार्य समिति के समक्ष रखते और हमें सूचित करते कि हमें अपना पक्ष रखने की स्वीकृति मिलती है या नहीं।’
उन्होंने ने कहा, ‘अगर हमें अपना पक्ष रखने की स्वीकृति नहीं देने का फैसला पहले ही कर लिया गया था तो हमें पहले ही इसकी जानकारी दे देनी चाहिए थी जिससे कि हम अपने संघ को शर्मसार होने से बचा पाते।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हमें अपना पक्ष रखने की स्वीकृति नहीं देने का फैसला पहले ही कर लिया गया था तो हमें पहले ही इसकी जानकारी दे देनी चाहिए थी जिससे कि हम अपने संघ को शर्मसार होने से बचा पाते।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 28, 2013, 18:13