Last Updated: Tuesday, March 25, 2014, 18:02

नई दिल्ली : एन श्रीनिवासन पर बीसीसीआई अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए दबाव बढ़ गया है। बोर्ड के तीन उपाध्यक्षों के साथ पूर्व क्रिकेटरों और प्रशासकों ने मंगलवार को उनसे उच्चतम न्यायालय की इस सलाह का सम्मान करने के लिए कहा कि आईपीएल फिक्सिंग मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
बोर्ड के पांच उपाध्यक्षों में से तीन शिवलाल यादव, रवि सावंत और चित्रक मित्रा ने उन्हें उच्चतम न्यायालय की सलाह मानने को कहा।
दक्षिण क्षेत्र से बीसीसीआई उपाध्यक्ष यादव ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने आदेश दे दिया है और इसे कोई चुनौती नहीं दे सकता। हमें इसका सम्मान करना होगा। चूंकि न्यायालय ने फैसला दिया है तो इसका प्रतिकार करने या इस पर राय देने का सवाल ही नहीं उठता। बीसीसीआई इस पर अमल करेगी।’ यह पूछने पर कि क्या वह पद संभालने को तैयार हैं, उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल। मैं किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हूं।’
पश्चिम क्षेत्र से उपाध्यक्ष रवि सावंत ने श्रीनिवासन को अगले दो दिन में इस्तीफा देने को कहा। उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय सर्वोपरि है। यदि उसने कहा दिया है तो कुछ नहीं किया जा सकता। यदि उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए तो दो दिन के भीतर दे देना चाहिए।’
पूर्वी क्षेत्र से उपाध्यक्ष मित्रा ने कहा कि श्रीनिवासन के पद से हटने के बाद नया अध्यक्ष कार्यभार संभालेगा। उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि उचित जांच के लिये श्रीनिवासन को पद से हटना चाहिए। वह नहीं हटते हैं तो न्यायालय 27 मार्च को इस संबंध में फैसला सुना देगा।’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि बीसीसीआई अध्यक्ष दक्षिण क्षेत्र से होना है तो शिवलाल यादव को बनाया जा सकता है। पिछली बार भी जब अपनी मां के निधन के कारण वह बीसीसीआई की बैठक में भाग नहीं ले सके थे तब शिवलाल ने इसकी अध्यक्षता की थी।’
मित्रा ने कहा, ‘इस बार कार्यवाहक अध्यक्ष नहीं होगा। जगमोहन डालमिया को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था क्योकि श्रीनिवासन ने किनारा किया था, इस्तीफा नहीं दिया था। इस बार हालात अलग हैं और उन्हें इस्तीफा देने को कहा गया है।’ पूर्व क्रिकेटरों मोहिंदर अमरनाथ, बिशन सिंह बेदी और राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष किशोर रूंगटा ने कहा कि श्रीनिवासन को अब पद छोड़ देना चाहिए।
भारत की 1983 विश्व कप जीत के नायक अमरनाथ ने कहा कि खेल किसी भी व्यक्ति से बड़ा है और भारतीय क्रिकेट के हित में श्रीनिवासन को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘खेल के हित में उन्हें पद छोड़कर जांच पूरी होने देना चाहिए। उन्हें कानून और उच्चतम न्यायालय की सलाह का सम्मान करना चाहिए।’
अपने दूसरे ट्वीट में बेदी ने लिखा, ‘जस्टिस एम मुद्गल ने भ्रष्ट संस्कृति को खत्म करने के लिए प्रभावी ढंग से भारतीय क्रिकेट जगत में उपस्थिति दर्ज कराई।’ रूंगटा ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें इस्तीफा देने को कहा। यह उनका अहंकार ही है कि वह अभी तक बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आचार समिति (पूर्व में) ने कहा था कि बोर्ड का कोई भी सदस्य किसी आईपीएल टीम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नहीं जुड़ा होगा। श्रीनिवासन अपवाद बने जो गलत था।’
श्रीनिवासन ने आईपीएल फिक्सिंग मामले में अपने दामाद गुरूनाथ मयप्पन का नाम उजागर होने के बाद जून 2013 में इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद बोर्ड के पूर्व प्रमुख जगमोहन डालमिया को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया लेकिन सितंबर 2013 में बोर्ड की एजीएम में श्रीनिवासन फिर अध्यक्ष बन गए थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 25, 2014, 18:02