क्रिकेटरों में नियंत्रित आक्रामकता होनी चाहिए : वाल्श

क्रिकेटरों में नियंत्रित आक्रामकता होनी चाहिए : वाल्श

क्रिकेटरों में नियंत्रित आक्रामकता होनी चाहिए : वाल्शमुंबई : तेज गेंदबाज कर्टनी वाल्श ने आज कहा कि आईपीएल मैच के दौरान वेस्टइंडीज के हरफनमौला कीरोन पोलार्ड और आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क के बीच हुई झड़प देखने में अच्छी नहीं थी और क्रिकेटरों में संतुलित आक्रामकता होनी चाहिए।

वाल्श ने यहां सुपरपेसर कार्यक्रम के मौके पर पत्रकारों से कहा, ‘मैं यात्रा कर रहा था और मैंने यू-ट्यूब पर इसे देखा लिहाजा मुझे पूरी बात पता नहीं है। लेकिन यह देखने में अच्छा नहीं लगा। मैदान पर ऐसी बातें हो जाती है। यदि दोनों खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी समझ लेते हैं तो बात वहीं खत्म हो जाती है।’

उन्होंने कहा, ‘आप खेल के मैदान पर यह सब देखना नहीं चाहते। आप नहीं चाहते कि युवा यह देखें। उम्मीद है कि मामला सुलझ गया होगा और जरूरी कार्रवाई कर ली गई होगी।’ यह घटना मुंबई इंडियंस और रायल चैलेंजर्स बेंगलूर के बीच आईपीएल मैच के दौरान की है जब पोलार्ड ने स्टार्क को उस समय बल्ला दिखाया जब उसने उस समय कैरेबियाई हरफनमौला को गेंद फेंक दी जब वह क्रीज से बाहर था।

बाद में पोलार्ड खतरनाक ढंग से स्टार्क की ओर बढे और अपना बल्ला भी फेंक दिया जो गेंदबाज से कुछ दूरी पर गिरा । पोलार्ड पर इस घटना के लिये मैच फीस का 75 प्रतिशत और स्टार्क पर 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया।

वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ने कहा कि मैदान पर बहुत कुछ कहा सुना जाता है लेकिन लोग संतुलित आक्रामकता देखना चाहते हैं। वाल्श ने कहा, ‘समय-समय पर ऐसा होता रहता है लेकिन हर कोई संतुलित आक्रामकता देखना चाहता है। दर्शक हालात बिगड़ते देखना नहीं चाहते।’ वाल्श को 1987 विश्व कप के दौरान एक मैच में दिखाई गई खेल भावना के लिये आज भी याद किया जाता है जब उन्होंने दूसरे छोर से बाहर निकले पाकिस्तान के 11वें नंबर के बल्लेबाज सलीम जाफर को आउट नहीं किया था । पाकिस्तान वह मैच हार गया था।

उस घटना के बारे में वाल्श ने कहा,‘मैं इसी तरह से खेलता आया हूं और आज भी वही हालात होते तो मैं वैसा ही करता।’ उन्होंने डेरेन सैमी को टेस्ट कप्तानी से हटाने के वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 15, 2014, 18:29

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