मैं ईमानदार हूं, बिना कारण मुझे निशाना बनाया: श्रीनिवासन

मैं ईमानदार हूं, बिना कारण मुझे निशाना बनाया: श्रीनिवासन

मैं ईमानदार हूं, बिना कारण मुझे निशाना बनाया: श्रीनिवासननई दिल्ली : आईपीएल स्पाट फिक्सिंग प्रकरण के बाद कई बार बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की ईमानदारी पर सवाल उठाये गये हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वह ‘बहुत ईमानदार’ व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि स्पाट फिक्सिंग विवाद के दौरान उन्हें बिना कारण गलत तरह से निशाना बनाया गया था।

श्रीनिवासन को हाल में उच्चतम न्यायालय द्वारा बीसीसीआई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के लिये हरी झंडी दी गयी थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी कारण मीडिया ने निशाना बनाया।

तमिलनाडु के इस शक्तिशाली अधिकारी ने ‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि मैं बहुत ईमानदार व्यक्ति हूं। और मुझे लगता है कि पिछले कुछ महीनों में मेरा व्यक्तित्व सभी ने देखा है। यह पूछने पर कि जब उच्चतम न्यायालय ने उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी की अनुमति दी तो उनकी प्रतिक्रिया क्या थी जिसपर श्रीनिवासन ने कहा कि मैं बहुत खुश था। जो लोग मुझे लंबे समय से जानते है, उन्हें मेरी बात पर पूरा भरोसा है। मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो हमेशा आगे क्या करना है, उस पर ध्यान रखता हूं।

उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ भी मनमुटाव को याद नहीं रखता। मेरे अंदर ऐसा चीज नहीं है। मैं ऐसा ही हूं। जो लोग मुझे जानते हैं वे इस बात से सहमत होंगे। मैं बीती बात भुलाकर आगे बढ़ता हूं। अगर कुछ हुआ, कोई बात नहीं, चलो इससे निपटता हूं, फिर मैं वापसी करता और आगे बढ़ता हूं। ’

श्रीनिवासन ने जनता की राय और मर्यादा के मुद्दे पर कहा, ‘देखिये, मैं जनता की राय के बारे में कुछ नहीं कर सकता। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’ बीसीसीआई अध्यक्ष ने दोहराया कि उन्होंने कभी भी आईपीएल प्रकरण की जांच करने वाली बीसीसीआई के जांच पैनल के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया, जिसे बाद में बम्बई उच्च न्यायालय ने गैर कानूनी करार किया था। आईपीएल और बीसीसीआई में हर गलत चीज के लिये उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया, लेकिन श्रीनिवासन ने कहा कि वह इससे प्रभावित नहीं हुए और उन्होंने अपना समय गोल्फ कौशल में सुधार करने में लगाया।

श्रीनिवासन ने कहा, ‘मैंने कुछ भी गलत नहीं किया और फिर मैं अपने पद से अलग हट गया था। फिर बीसीसीआई की कार्यकारी समिति ने एक बैठक में (जिसमें मैंने हिस्सा नहीं लिया था क्योंकि मैं पद से अलग हो गया था) इस जांच आयोग का गठन किया। लेकिन इसे ऐसा दर्शाया गया कि जैसे मैंने ही इस पैनल को नियुक्त किया हो। मैंने ऐसा नहीं किया था...इसलिये मुझे इसका दोषी कैसे ठहराया जा सकता है? ’ उन्हें उन लोगों से कोई शिकायत नहीं है जो इस मुश्किल दौर में उनके खिलाफ बोले।

उन्होंने कहा, ‘मैं तानाशाह नहीं हूं। मैं विवादों में नहीं पड़ना चाहता। मेरे पास काम है और मैं अपना काम करूंगा। मैं महसूस करता हूं कि यह पद स्थायी नहीं है। यह मेरी रोजी रोटी नहीं है, बल्कि यह मानद पद है। ’ आईपीएल से लेकर अब तक अनिश्चित दक्षिण अफ्रीका के दौरे के बारे में बीसीसीआई को फैसला करने में इतनी देर क्यों लग रही है तो श्रीनिवासन ने कहा, ‘इसका एक कारण यह है कि हमें लगता कि हमें अपने सत्र के दौरान भारत में काफी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना चाहिए तथा घरेलू और विदेशी दौरों के बीच में एक संतुलन होना चाहिए। और हमें लगा कि इस साल भारत में काफी कम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हुआ है और इसलिये हमें इसकी पूर्ति करनी थी और हमने वेस्टइंडीज को आमंत्रित किया। यह कठिन प्रक्रिया थी। ’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 16, 2013, 18:43

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