Last Updated: Tuesday, December 3, 2013, 15:58
मुंबई : भारत और आस्ट्रेलिया के बीच सात मैचों की श्रृंखला के दौरान नये वनडे नियमों ने भले ही गेंदबाजों की फजीहत कर दी हो लेकिन आईसीसी ने आज नये नियमों को कामयाब बताते हुए इस बदलाव की तारीफ की।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव रिचर्डसन ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, आईसीसी क्रिकेट समिति की बैठक साल में एक बार होती है और अगली बैठक मई 2014 में होगी। हमने वनडे क्रिकेट में खेलने के हालात में हाल ही में कई बदलाव किए। हम विश्व कप 2015 से पहले चीजों को स्थिर रखना चाहते थे।
उन्होंने कहा, कुल मिलाकर यदि आप क्षेत्ररक्षण की पाबंदियों के नतीजे देखें तो एक पारी में बनाये गए रन पिछले सालों की तुलना में कमोबेश बराबर ही हैं। वनडे क्रिकेट में औसतन एक पारी में 250 रन बनते हैं और एकमात्र बदलाव यह है कि ये 250 रन अब चौकों छक्कों से अधिक बन रहे हैं।
रिचर्डसन ने कहा, यह एक कारण है कि हमने क्षेत्ररक्षण की पाबंदियां शुरू की ताकि खेल अधिक आक्रामक हो सके। अब अधिक विकेट गिर रहे हैं और अधिक चौके छक्के लग रहे हैं लेकिन कुल स्कोर लगभग वही है। उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि गेंदबाजों को उपमहाद्वीप में इससे काफी कठिन हालात का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, सपाट पिचों पर गेंदबाजों को मुश्किलें आ रही है। उपमहाद्वीप की पिचों पर जहां गेंद स्पिन नहीं लेती और न ही सीम लेती है , गेंदबाजों की परेशानियां बढी हैं।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज रिचर्डसन ने कहा कि इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में गेंदबाजों की स्थिति इतनी खराब नहीं रहती। उन्होंने कहा, यदि आप इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में देखो तो पता चलेगा कि क्षेत्ररक्षण की पाबंदियों का असर अच्छा रहा है।
उन्होंने कहा, अब हम दो नयी गेंदों का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि गेंदबाजों को अधिक विकेट मिल सके, खासकर पहले दस ओवर में। रिचर्डसन ने बताया कि 2011 की तरह विश्व कप 2015 के लिये आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में क्यूरेटरों को दिशा निर्देश दिए जाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 3, 2013, 15:58