Last Updated: Sunday, December 8, 2013, 08:19
लुसाने (स्विट्जरलैंड) : आईओसी अध्यक्ष थामस बाक ने द एसोसिएटेड प्रेस को दिए साक्षात्कार में कहा है कि अगर भारत भ्रष्टाचार के दागी आधिकारियों को दूर नहीं रखता है तो उसे ओलंपिक अभियान से बाहर किया जा सकता है।
बाक ने कहा कि अगर मंगलवार तक भारतीय ओलंपिक संघ ‘अच्छे संचालन के नियमों’ को नहीं मानता को उसकी मान्यता वापस लेने की तैयारी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कर ली है। भारत को अगर यह सजा मिलती है तो दुनिया में दूसरी सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश ओलंपिक प्रतियोगिताओं से बाहर हो जाएगा।
बाक ने कहा, ‘‘यह सिद्धांत का मामला है। आईसीसी के लिए अच्छा संचालन अहम मुद्दा है। हमें कड़ा होने की जरूरत है और सुनिश्चित करना होगा कि अच्छे संचालन के नियमों को लागू किया जा रहा है।’’ अगर भारत को बाहर किया जाता है तो दक्षिण अफ्रीका को उसकी नस्लभेदी नीतियों के कारण बाहर किए जाने के 40 साल से भी अधिक समय बाद यह पहला मौका होगा जब किसी देश को ओलंपिक अभियान से बाहर किया जाएगा।
भारतीय ओलंपिक संघ को रविवार को नई दिल्ली में बैठक करनी है जिसमें आईओसी के निर्देशों के मुताबिक संविधान में संशोधन पर विचार किया जाएगा। अगर इस बैठक में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जाता तो आईओसी के कार्यकारी बोर्ड ने लुसाने में मंगलवार को होने वाली बैठक में भारतीय समिति की मान्यता रद्द करने की सिफारिश करने की तैयारी कर ली है।
बाक ने कहा, ‘‘हम देखेंगे कि क्या अंतिम समय में स्थिति में कोई बदलाव होता है। अगर ऐसा नहीं होता तो हमें अगला कदम उठाने पर विचार करना होगा।’’
चुनाव प्रक्रिया में सरकारी हस्तक्षेप के कारण आईओसी ने एक साल पहले आईओए को निलंबित कर दिया था। तब से कई मुद्दों को सुलझा लिया गया है लेकिन भारतीय अब भी आईओसी की आपराधिक मामले में आरोपी व्यक्तियों को प्रतिबंधित करने की मांग को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं जिससे गतिरोध बना हुआ है।
बाक ने कहा, ‘‘ओलंपिक चार्टर स्पष्ट है। अगर निलंबन से कोई हल नहीं निकलता है तो अगला कदम मान्यता वापस लेना हो सकता है।’’ बाक की अगुआई में आईओसी बोर्ड का यह पहला बड़ा फैसला हो सकता है। बाक ने 10 सितंबर को जाक रोगे की जगह अध्यक्ष पद संभाला था और वह जर्मनी की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के पूर्व अध्यक्ष हैं।
आईओसी का कार्यकारी बोर्ड भारत की मान्यता वापस लेने का शुरुआती फैसला कर सकता है। अंतिम फैसला आईओसी की पूर्ण बैठक में होगा जो रूस के सोचि में फरवरी की शुरूआत में 2014 शीतकालीन ओलंपिक की पूर्व संध्या पर होनी है। बाक ने कहा, ‘‘मान्यता वापस होने का मतलब होगा कि भारत में कोई एनओसी (राष्ट्रीय ओलंपिक समिति) नहीं होगी।
इसका मतलब होगा कि कोई प्रतिनिधित्व, कोई अनुदान नहीं।’’ मौजूदा निलंबन के तहत भारतीय संस्था को आईसीसी से आर्थिक मदद नहीं मिल रही है और उसके अधिकारियों के ओलंपिक बैठकों और कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पर रोक है। भारतीय एथलीटों के ओलंपिक प्रतियोगिताओं में भारतीय ध्वज तले हिस्सा लेने पर रोक है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 8, 2013, 08:19