IOC ने भारतीय ओलंपिक संघ पर से हटाया प्रतिबंध

IOC ने भारतीय ओलंपिक संघ पर से हटाया प्रतिबंध

IOC ने भारतीय ओलंपिक संघ पर से हटाया प्रतिबंधनई दिल्ली : दागी अधिकारियों और सरकार के हस्तक्षेप के कारण ओलंपिक से बाहर किये जाने के करीब 14 महीने बाद भारत पर लगा निलंबन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने आईओए के ताजा चुनावों के बाद वापिस ले लिया है। आईओसी ने एक बयान में कहा,‘‘ आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति भारतीय ओलंपिक संघ को सोच्चि में आज हुई तदर्थ बैठक के दौरान पुन: मान्यता दी है ।’’ इसमें कहा गया ,‘‘ कार्यकारी बोर्ड ने आईओए की नौ फरवरी 2014 को हुई आमसभा और नये पदाधिकारियों के चुनाव के बाद लिया । आईओसी सदस्य रोबिन मिशेल की अध्यक्षता में आईओसी का प्रतिनिधिमंडल वहां मौजूद था ।’’ आईओए ने रविवार को हुए चुनाव में दागी अधिकारियों को बाहर रखा था । चुनाव में विश्व स्क्वाश महासंघ के प्रमुख और बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के छोटे भाई एन रामचंद्रन को अध्यक्ष चुना गया ।

यह फैसला चुनाव के दौरान मौजूद रहे आईओसी के तीन पर्यवेक्षकों के भारत से रवाना होने के बाद लिया गया । ये तीनों आईओए चुनाव प्रक्रिया से संतुष्ट थे और उन्होंने आईओसी अध्यक्ष को सकारात्मक रिपोर्ट देने का वादा किया था । आईओसी ने कहा ,‘‘ आईओसी पर्यवेक्षकों ने कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों को बताया कि चुनाव हाल ही में पारित एनओसी संविधान के तहत कराये गए जो आईओसी की शर्तों को पूरा करता है । इसमें आरोपी या दागी व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर लगी रोक शामिल है ।’’ आईओसी के फैसले के बाद अब भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में तिरंगे तले खेल सकेंगे ।

निलंबन के बाद से भारतीय खिलाड़ी आईओसी के ध्वज तले खेल रहे थे । सोच्चि में चल रहे शीतकालीन ओलंपिक में अब भारतीय समापन समारोह के दौरान तिरंगा लहरा सकेंगे । उद्घाटन समारोह में उन्होंने आईओसी के ध्वज तले परेड की थी । आईओसी ने कहा ,‘‘ ओलंपिक के इतिहास में पहली बार एक एनओसी का निलंबन ओलंपिक खेलों के दौरान वापिस लिया गया है । यह फैसला तुरंत प्रभाव से लागू होगा सोच्चि खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने ओलंपिक ध्वज तले प्रवेश किया था और अपने राष्ट्रध्वज के बिना ओलंपिक प्रतिभागियों की तरह खेल रहे थे।’’ इसमें कहा गया ,‘‘ कार्यकारी बोर्ड के फैसले के बाद अब वे भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के लिये खेल सकते हैं और 23 फरवरी को समापन समारोह में अपने राष्ट्रध्वज के तले परेड करेंगे । निलंबन वापिस लेने के फैसले के बाद सोच्चि में ओलंपिक गांव में भारतीय राष्ट्रध्वज फहराया जायेगा ।’’ रविवार को हुए आईओए चुनाव में अखिल भारतीय टेनिस संघ के प्रमुख अनिल खन्ना को कोषाध्यक्ष चुना गया । इसके साथ ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अभय सिंह चौटाला और ललित भनोट की आईओए से रवानगी हो गई ।

इस पूरे मामले की शुरूआत तब हुई जब आईओसी ने चार दिसंबर 2012 को आईओए को सरकार की खेल आचार संहिता का पालन करने और दागी व्यक्तियों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देने के लिये निलंबित कर कर दिया था । आईओए ने अगले दिन चुनाव कराये लेकिन आईओए ने चौटाला और उनके पदाधिकारियों को मान्यता देने से इनकार कर दिया था । आईओसी ने बाद में आईओए और सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात का प्रस्ताव रखा था लेकिन यह भी कहा कि आईओए ओलंपिक में वापसी के लिये ओलंपिक चार्टर के तहत चुनाव कराये । तीन बार स्थगित होने के बाद बैठक 15 मई 2013 को लुसाने में हुई जिसमें खेलमंत्री जितेंद्र सिंह और बीजिंग ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भाग लिया था ।

आईओसी ने भारत की ओलंपिक में वापसी के लिये रोडमैप तैयार करके आईओए को 15 जुलाई से पहले अपने संविधान में बदलाव करने और एक सितंबर तक नये पदाधिकारियों के चुनाव के लिये कहा । आईओसी ने यह भी कहा कि दागी व्यक्ति आईओए का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे । आईओए ने इसे मानने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें देश का कानून मानना होगा । आईओसी ने किसी तरह के समझौते से इनकार करते हुए आईओए को दागी अधिकारियों को निलंबित करने के लिये कहा । उसने संविधान में संशोधन के लिये 31 अक्तूबर और नये चुनाव कराने के लिये 15 दिसंबर तक की तारीख दी । आईओसी बाद में चुनाव नौ फरवरी को कराने को राजी हो गया चूंकि आईओए ने कलंकित व्यक्तियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी । (एजेंसी)

First Published: Tuesday, February 11, 2014, 13:20

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