Last Updated: Tuesday, December 17, 2013, 15:41

जोहानिसबर्ग : एक दिवसीय श्रृंखला में मिली हार को भुलाकर भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के बाद के युग का आगाज जीत के साथ करना चाहेगी लेकिन कल से शुरू हो रही दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में उसका सामना दुनिया की नंबर एक टीम दक्षिण अफ्रीका से है।
वनडे श्रृंखला 2-0 से गंवाने के बाद वांडर्स स्टेडियम पर भारतीय टीम कल से टेस्ट क्रिकेट में अपने नये युग का सूत्रपात करेगी। तेंदुलकर के संन्यास के बाद भारत का यह पहला टेस्ट मैच है। तेंदुलकर ने पिछले महीने मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने 200वें और आखिरी टेस्ट के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उसके बाद से भारतीय टीम वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ छह वनडे खेल चुकी है। दोनों श्रृंखलाओं के विपरीत परिणामों से फोकस तेंदुलकर के संन्यास से हट गया लेकिन अब उसका सामना करना होगा।
पहला सवाल तो यह पूछा जायेगा कि चौथे नंबर पर बल्लेबाजी कौन करेगा। तेंदुलकर के टीम में नहीं होने का असलियत में अहसास तब होगा जब टेस्ट की पहली पारी में भारत का दूसरा विकेट गिरने के बाद नया बल्लेबाज उतरेगा। तेंदुलकर की जगह विराट कोहली चौथे नंबर पर उतर सकते हैं। पिछले दो साल में विदेश में भारत का यह पहला टेस्ट होगा। उसके बाद से भारत ने अपनी धरती पर 12 टेस्ट खेलकर नौ जीते और दो हारे। भारत ने न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज को श्रृंखला में हराया। इस बीच भारत ने इंग्लैंड के हाथों एक श्रृंखला में पराजय का सामना किया।
लंबे घरेलू सत्र में जहां राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण टीम से विदा ले चुके थे वहीं वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और हरभजन सिंह खराब फार्म के कारण बाहर थे। इस दरमियान कोहली भारत के प्रमुख बल्लेबाज के रूप में उभरे और दक्षिण अफ्रीका में भी कदम रखने के बाद से वह मेजबान गेंदबाजों के निशाने पर हैं। डेल स्टेन और मोर्नी मोर्कल ने रफ्तार और उछाल से वनडे श्रृंखला में उसे खासा परेशान किया जिसमें पहले मैच में वह 31 रन ही बना सके और दूसरे में खाता भी नहीं खोल पाये । भारत की हार में उनके खराब फार्म की अहम भूमिका रही।
दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में उन्हें एहतियात के साथ बड़ी पारी खेलनी होगी। पारी की शुरूआत में बड़े स्ट्रोक्स खेलने की ललक के कारण वनडे श्रृंखला में उन्होंने विकेट जल्दी गंवाया। दक्षिण अफ्रीका की पेस बैटरी एक बार फिर उन्हें निशाना बनाना चाहेगी।
वांडर्स के मैदानकर्मी पेथुअल बुथेलेजी ने कहा, विकेट में गति और रफ्तार है। वैसे यहां टास जीतने पर बल्लेबाजी चुनना बेहतर होगा। इस पर पहली पारी में 400 रन का स्कोर अच्छा होगा। भारतीय टीम को इस मैच से पहले अभ्यास का मौका नहीं मिल सका क्योंकि सेंचुरियन वनडे के बाद बेनोनी में दो दिवसीय अभ्यास मैच भी बारिश के कारण नहीं हो सका। अब देखना यह होगा कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सात बल्लेबाजों को लेकर उतरते हैं या पांच गेंदबाजों को उतारने का जोखिम उठायेंगे। पांच गेंदबाजों को उतारने पर फोकस स्पिनर आर अश्विन पर रहेगा जो निचले क्रम पर उपयोगी बल्लेबाज भी है।
दूसरी ओर दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम दक्षिण अफ्रीका के लिये बड़ी समस्या श्रृंखला में अच्छी शुरूआत की होगी। पाकिस्तान के खिलाफ पिछली टेस्ट श्रृंखला में पहला टेस्ट हारने के बाद उसके लिये दूसरा टेस्ट करो या मरो का हो गया हालांकि उसने वह जीता। ऐसे में कोई भी चूक उसे 2006 के टेस्ट की याद दिला देगी जब राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने उसे यहां हराया था। एस श्रीसंत ने उस मैच में आठ विकेट लिये थे जबकि सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण ने शतक बनाये थे।
टीमें:-
भारत:- एम एस धोनी (कप्तान), शिखर धवन, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, अंबाती रायुडू, रविंद्र जडेजा, आर अश्विन, प्रज्ञान ओझा, जहीर खान, ईशांत शर्मा, उमेश यादव, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, रिधिमान साहा।
दक्षिण अफ्रीका:- ग्रीम स्मिथ (कप्तान), एबी डिविलियर्स, हाशिम अमला, जेपी डुमिनी, फाफ डु प्लेसिस, डीन एल्गर, इमरान ताहिर, जाक कैलिस, रोरी क्लेनवेल्ट, मोर्नी मोर्कल, अल्विरो पीटरसन, रोबिन पीटरसन, वेर्नोन फिलांडर, डेल स्टेन, थामी सोलेकिले।
मैच का समय : दोपहर दो बजे से। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 17, 2013, 15:30