Last Updated: Tuesday, December 10, 2013, 23:52

सेंचुरियन : लगातार दो शर्मनाक हार के साथ वनडे श्रृंखला गंवाने वाली भारतीय टीम दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला से पहले खोया आत्मविश्वास लौटाने के लिये बुधवार को तीसरा और आखिरी वनडे मैच जीतने के इरादे से उतरेगी।
पहले दो मैचों की हार ने दक्षिण अफ्रीका की तेज और उछालभरी पिचों पर भारत के ‘मजबूत’ बल्लेबाजी क्रम की कलई खोल दी है। वांडर्स पर पहले वनडे में भारत को 141 रन से पराजय झेलनी पड़ी जबकि किंग्समीड में दूसरे मैच में उसने 136 रन से पराजय झेली। भारत की गेंदबाजी पर सवालों के साथ शुरू हुई श्रृंखला में दो मैचों के बाद युवा बल्लेबाजी क्रम पर भी उंगली उठने लगी है।
पहले वनडे में गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन से बल्लेबाजों पर दबाव बना लेकिन दूसरे वनडे में ये बहाने नहीं चल सके क्योंकि अपेक्षाकृत धीमी पिच पर भी नतीजा समान रहा। दोनों वनडे में डेल स्टेन का शुरुआती स्पैल भारत के लिये कहर साबित हुआ और उनके पांच ओवर पूरे होते-होते मैच का नतीजा दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ हो गया।
इस श्रृंखला से पहले भारत के शीषर्क्रम के सभी बल्लेबाज फार्म में थे और इस साल एक हजार से अधिक वनडे रन बना चुके थे। चाहे वह रोहित शर्मा हो, शिखर धवन या विराट कोहली।
दो मैचों के बाद स्पष्ट हो गया कि रन बनाने का जिम्मा अब उन्हीं पर होगा। आखिरी ओवरों में हालात के अनुसार धोनी की बल्लेबाजी भी अहम होगी। भारतीय टीम पर तीसरे मैच में काफी दबाव होगा क्योंकि एक तरफ तो उनका सामना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज से है और दूसरी ओर भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाज चल नहीं पा रहे हें। अभी तक वे नाकाम रहे हैं। कप्तान धोनी ने पिछली हार के बाद यह स्वीकार भी किया था।
सुरेश रैना और युवराज सिंह का खराब फार्म भी चिंता का सबब बना हुआ है। इस श्रृंखला से ठीक पहले भी दोनों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था। आस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत में नौ वनडे मैचों में उनका निजी औसत 20 के करीब रहा था।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला में टीम प्रबंधन ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी क्रम में प्रयोग किया। बल्लेबाजी क्रम बदलने से युवराज के फार्म पर असर पड़ा हालांकि खराब प्रदर्शन के लिये इसे बहाना नहीं माना जा सकता।
वेस्टइंडीज के खिलाफ फिर चौथे नंबर पर उतरे युवराज ने कानपुर मैच में 55 रन की पारी खेली थी। लेकिन वांडर्स पर पहले वनडे में वह सिर्फ दो गेंद तक टिक सके। युवराज और रैना के पक्ष में यह दलील दी जा सकती है कि अनियमित स्पिन गेंदबाजों के तौर पर वे उपयोगी साबित होते हैं। दूसरे वनडे में जब दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज सभी भारतीय गेंदबाजों की धुनाई कर रहे थे, तब रैना और विराट कोहली के नौ ओवर किफायती साबित हुए।
कप्तान धोनी ने तीसरे वनडे के लिये टीम में अधिक बदलाव की संभावना से इनकार किया। इसके मायने हैं कि युवराज की जगह फिर अजिंक्य रहाणे को ही उतारा जा सकता है या अंबाती रायुडू को मौका दिया जायेगा। यह उल्लेखनीय है कि इन दोनों में से कोई भी कामचलाऊ गेंदबाज नहीं है। गेंदबाजों की बात करें तो मोहम्मद शमी के लिये यह दौरा सबक रहा है। उसने वांडर्स पर अच्छी गेंदबाजी की और दोनों मैचों में छह विकेट लिये। उन्हें तीसरे मैच में बाहर रखे जाने की कोई संभावना नहीं दिखती।
जहां तक दक्षिण अफ्रीका का सवाल है तो उन्होंने भारत की कमजोरी ताड़ ली है और वे इसी रणनीति पर कायम रहेंगे। तीसरे मैच में जाक कैलिस और स्टेन को ब्रेक दिया जा सकता है ।
टीमें (भारत) एमएस धोनी (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, युवराज सिंह, सुरेश रैना, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, ईशांत शर्मा, अमित मिश्रा, अंबाती रायुडू, अजिंक्य रहाणे।
दक्षिण अफ्रीका-एबी डिविलियर्स (कप्तान), हाशिम अमला, किंटोन डिकाक, जेपी डुमिनी, इमरान ताहिर, जाक कैलिस, रियान मैकलारेन, डेविड मिलर, मोर्नी मोर्कल, वेन परनेल, वर्नोन फिलांडर, ग्रीम स्मिथ, डेल स्टेन, लोंवाबो सोटसोबे। मैच का समय : शाम पांच बजे से। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 10, 2013, 16:56