Last Updated: Sunday, February 9, 2014, 20:27

नई दिल्ली : भारत के ओलंपिक अभियान में वापसी के लिए रास्ता रविवार को तब साफ हो गया, जब 14 महीने के प्रतिबंध के बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने अपने चुनाव कराए जिसमें एन रामचंद्रन को अध्यक्ष चुना गया।
विश्व स्क्वाश महासंघ के प्रमुख और बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के छोटे भाई रामचंद्रन का आईओए अध्यक्ष बनना महज एक औपचारिकता था क्योंकि वह इस शीर्ष पद के लिए अकेले उम्मीदवार थे।
भारतीय खो-खो महासंघ के अध्यक्ष राजीव मेहता और अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के प्रमुख अनिल खन्ना को चुनावों में क्रमश: निर्विरोध महासचिव और कोषाध्यक्ष चुना गया जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त अभय सिंह चौटाला और ललित भनोट आईओए से बाहर हो गए।
मतदान केवल आठ उपाध्यक्षों के लिए हुआ क्योंकि दौड़ में नौ उम्मीदवार थे। एक सीनियर उपाध्यक्ष, छह संयुक्त सचिव और कार्यकारी परिषद के नौ सदस्यों को निर्विरोध चुना गया। आईओए के सभी अधिकारियों का कार्यकाल ओलंपिक वर्ष 2016 तक होगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के तीन पर्यवेक्षकों ने कहा कि वे आईओसी अध्यक्ष थामस बाक को ‘अनुकूल’ रिपोर्ट सौंपेंगे और उम्मीद जताई कि भारत का निलंबन जल्द ही हट जाएगा।
फिजी से आईओसी के सदस्य और तीनों में वरिष्ठ रोबिन मिशेल ने यहां तक संकेत दिया कि भारत का निलंबन मौजूदा सोची शीतकालीन ओलंपिक खेलों के खत्म होने से पहले ही हटाया जा सकता है ताकि खेलों में भाग ले रहे तीनों भारतीय एथलीट 23 फरवरी को समापन समारोह में तिरंगा अपने हाथ में थाम सकें।
मिशेल ने कहा, ‘आज जिस तरीके से कार्रवाई हुई है, हम उससे काफी खुश हैं। हम कल सोची पहुंच रहे हैं और अपनी रिपोर्ट आईओसी अध्यक्ष को सौंपेंगे और यह उन पर निर्भर करेगा कि वे भारत की वापसी पर फैसला करने के लिये कार्यकारी बोर्ड की बैठक कब बुलाएंगे। हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही होगा।’
समय सीमा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘आईओसी कार्यकारी बोर्ड सोची शीतकालीन खेलों से समापन समारोह से पहले बैठक कर रहा है और उम्मीद है कि कार्यकारी बोर्ड इस बैठक में भारत से निलंबन हटाने का फैसला करेगा। हम भारतीय एथलीटों को समापन समारोह में राष्ट्रीय ध्वज के साथ भाग लेते हुए देखना चाहते हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 9, 2014, 20:27