IPL मैच फिक्सिंग: मुदगल कमेटी की रिपोर्ट पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

IPL मैच फिक्सिंग: मुदगल कमेटी की रिपोर्ट पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

IPL मैच फिक्सिंग: मुदगल कमेटी की रिपोर्ट पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: मुदगल कमेटी की रिपोर्ट पर आज आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस रिपोर्ट में कुल छह भारतीय क्रिकेटर शक के दायरे में है जिसमें धोनी और रैना के भी नाम भी शामिल है। बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि फंसे हुए खिलाड़ियों के नाम सार्वजनिक न करे।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुदगल ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग घोटाले में रिपोर्ट 10 फरवरी को सौंपी जिसमें बीसीसीआई प्रमुख के दामाद का नाम भी उछला था। न्यायमूर्ति मुद्गल रिपोर्ट में कहा गया कि गुरूनाथ मयप्पन के खिलाफ सट्टा लगाने और सूचना मुहैया कराने का आरोप साबित होते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि फिक्सिंग के आरोपों की और जांच की आवश्यकता है। मयप्पन चेन्नई सुपर किंग्स का चेहरा थे। रिपोर्ट में एन श्रीनिवास के इस तर्क को खारिज किया गया है कि वह केवल एक क्रिकेट समर्थक थे।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘जयपुर क्रिकेट प्रा लि के मालिक राज कुन्द्रा के खिलाफ सट्टेबाजी और स्पाट फिक्सिंग के आरोपों की और की जांच आवश्यकता है।’ समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि दिल्ली और चेन्नई पुलिस से मिली जानकारी, मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी और आरोप पत्र, टेलीफोन पर हुई बातचीत की प्रतिलिपि से यही निष्कर्ष निकलता है कि बिन्दू दारा सिंह, जो विक्रम अग्रवाल जैसे सट्टेबाज और पंटर के सीधे संपर्क में था, की मार्फत मयप्पन सट्टेबाजी में लिप्त था।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मयप्पन द्वारा चेन्नई सुपर किंग्स के पक्ष में ही नहीं बल्कि उसके खिलाफ भी बोली लगायी जाती थी। सट्टेबाजी के धंधे में किसी टीम के पक्ष या खिलाफ सट्टा लगाने को बचाव वाला सट्टा भी कहा जाता है। मयप्पन ने चेन्नई सुपर किंग्स के अलावा भी दूसरी टीमों के मैचों पर सट्टा लगाया था।’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘जहां तक मयप्पन और बिन्दु दारा सिंह की भूमिका का सवाल है, हमारा निष्कर्ष पुलिस की गवाही और आरोप पत्र पर आधारित है और यह किसी भी तरह इस मसले पर कोई निर्णय नहीं देता है कि क्या मयप्पन और सिंह इन आरोपों के दोषी है जोकि पूरी तरह से आपराधिक अदालत के दायरे में आता है।’

समिति ने कहा, ‘हमारा निष्कर्ष पूरी तरह जांच के दौरान एकत्र किये गये तथ्यों और आरोप पत्र तथा जांच एजेन्सी द्वारा पेश दूसरे दस्तावेजों पर आधारित है।’’ समिति ने श्रीनिवास के खिलाफ हितों के टकराव के मसले पर भी गौर किया लेकिन उसने कोई टिप्पणी करने की बजाये इस मसले को शीर्ष अदालत के विचारार्थ छोड़ दिया।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published: Friday, March 7, 2014, 09:12

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