Last Updated: Friday, March 21, 2014, 09:23
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मीरपुर : जावेद मियादाद और सचिन तेंदुलकर के दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों के दौरान कुछ अविस्मरणीय क्षण देखने को मिले जिसमें कुछ रोचक तो कुछ विवादास्पद रहे। यह इस तरह का महत्वपूर्ण मुकाबला होता है जिसका सीमा के दोनों तरफ के क्रिकेट प्रेमी और साथ ही क्रिकेटर भी बेसब्री से इंतजार करते हैं।
महान सुनील गावस्कर ने अपनी लोकप्रिय किताब ‘वनडे वंडर्स’ में लिखा था कि पाकिस्तान ऐसी अंतरराष्ट्रीय टीम है जिसके खिलाफ वह अंपायर की उंगली उठने तक कभी अपना विकेट नहीं छोड़ेंगे चाहे उन्हें यह पता भी हो कि वह आउट हैं। अब वे दिन लद चुके हैं। विरोधी टीमों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और मोहम्मद हफीज से पूछिये तो आपको पता चल जाएगा कि भारत-पाक प्रतिद्वंद्विता का तीखापन कम हो गया हालांकि ये दोनों टीमें आईसीसी टूर्नामेंटों से इतर बहुत कम खेलती हैं।
धोनी के अनुसार, सही भावना से खेलना’ सीमा लांघने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है जबकि हफीज यह साफ कर देना चाहते हैं कि किसी एक विशेष मैच के बजाय आईसीसी विश्व टी20 का खिताब अधिक अहम है। इन दोनों चिर प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच मुकाबले की लोकप्रियता कम होने के बारे में पूछे जाने पर धोनी ने कहा कि हां, भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला हमेशा महत्वपूर्ण रहेगा लेकिन मेरा मानना है कि पिछले कुछ वषरें से प्रतिद्वंद्विता में कमी आई है। अब आपको पिछली पीढ़ी के खिलाड़ियों की तरह आपस में उलझने की घटनाएं देखने को नहीं मिलेंगी।
हफीज से पूछा गया कि वह पाकिस्तानी प्रशंसकों के बारे में क्या सोचते हैं जो चाहते हैं कि पाकिस्तान विश्व टी20 ट्राफी जीते या न जीते लेकिन कल भारत को हराने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि प्रशसंकों की अपेक्षाओं के बारे में जानना अच्छा है लेकिन हम विश्व टी20 ट्राफी जीतना पसंद करेंगे। इसके लिये हमें अच्छी शुरूआत करनी होगी और कल का मैच जीतना होगा। यदि खिलाड़ी एक समय पर एक मैच पर ध्यान देंगे तो अच्छा प्रदर्शन करेंगे लेकिन हम निश्चित तौर पर इस मैच पर ध्यान दे रहे हैं। दोनों टीमों के कप्तान जब ऐसा सोचते हैं तो फिर वेंकटेश प्रसाद ने बेंगलुरु में जिस तरह से आमिर सोहेल को पवेलियन लौटने का इशारा किया था, शायद ही मोहम्मद शमी किसी पाकिस्तानी बल्लेबाज के लिये ऐसा करें या सिडनी में किरण मोरे के चिढ़ाने पर जिस तरह से जावेद मियादाद उछलने लगे उस तरह का व्यवहार उमर अकमल से शायद ही देखने को मिले। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 21, 2014, 09:23