सचिन तेंदुलकर भले ही भगवान हों, लेकिन वह क्रिकेट की पूजा करते हैं: स्ट्रॉस

सचिन तेंदुलकर भले ही भगवान हों, लेकिन वह क्रिकेट की पूजा करते हैं: स्ट्रॉस

सचिन तेंदुलकर भले ही भगवान हों, लेकिन वह क्रिकेट की पूजा करते हैं: स्ट्रॉस लंदन : इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने कहा कि भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भले ही भगवान माना जाता हो लेकिन महान बल्लेबाज हमेशा क्रिकेट की पूजा करता रहा है। स्ट्रास ने ‘द संडे टाइम्स’ में लिखा, क्रिकेट ने उन्हें भगवान बनाया लेकिन विडम्बना है कि वह हमेशा क्रिकेट खेल को ही पूजते थे।

उन्होंने कहा, गैरी कर्स्टन ने एक बार तेंदुलकर को ‘बल्लेबाजी का प्रोफेसर’ करार किया था। स्ट्रॉस ने कहा, खेल के प्रति उनका जुनून, उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत ने उन्हें सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर में तब्दील किया। संन्यास ले चुके मिडिलसेक्स के काउंटी क्रिकेटर ने इंग्लैंड के खिलाफ 2008 में चेन्नई टेस्ट को तेंदुलकर का ‘यादगार क्षण’ करार किया।

स्ट्रॉस ने कहा, मुंबई में आतंकवादी हमले के बाद भारत को एक नायक की जरूरत थी। उन्होंने नाबाद शतक जड़कर मैच जीता। वेस्टइंडीज के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में अंतिम टेस्ट में तेंदुलकर के शतक नहीं जड़ पाने के बारे में उन्होंने कहा, क्रिकेट के खेल में अपने महान खिलाड़ियों को यह याद दिलाने की आदत है कि कोई भी अपने भाग्य पर पूरा नियंत्रण नहीं बना सकता। तेंदुलकर जिस तरह अंतिम पारी में शतक नहीं जड़ सके, उसी तरह डान ब्रैडमैन भी अपनी अंतिम टेस्ट पारी को यादगार नहीं बना सके थे। (एजेंसी)

First Published: Monday, November 18, 2013, 11:33

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