मुंबई को जीत दिलाकर रणजी से विदा हुए सचिन तेंदुलकर

मुंबई को जीत दिलाकर रणजी से विदा हुए सचिन तेंदुलकर

मुंबई को जीत दिलाकर रणजी से विदा हुए सचिन तेंदुलकरनई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर (नाबाद 79) ने बंसीलाल स्टेडियम में खेले गए मौजूदा रणजी सत्र के पहले दौर के ग्रुप-ए मुकाबले में मुम्बई को हरियाणा के खिलाफ चार विकेट से जीत दिलाकर रणजी क्रिकेट को अलविदा कह दिया। अपने करियर की अंतिम रणजी पारी में सचिन ने 175 गेंदों का सामना करते हुए छह चौके लगाए और मैन ऑफ द मैच चुने गए। इस पारी के दौरान सचिन ने तीसरे विकेट के लिए कौस्तुभ पवार (47) के साथ 22, अभिषेक नायर (24) के साथ चौथे विकेट के लिए 51, हितेन शाह (8) के साथ छठे विकेट के लिए 23 और धवल कुलकर्णी (नाबाद 16, 72 गेंद, दो चौके) के साथ सातवें विकेट के लिए नाबाद 50 रन जोड़े। सचिन को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

सचिन मैच के तीसरे दिन की समाप्ति तक 55 रनों पर नाबाद लौटे थे। मुंबई ने दिन की समाप्ति तक छह विकेट पर 201 रन बनाए थे और उसे जीत के लिए 39 रनों की दरकार थी। सुबह के सत्र में मुंबई को धवल का विकेट गंवाने का डर था, जिसके बाद पुछल्ले शायद सचिन का साथ नहीं दे पाते और मुंबई को जीतकर भी हारना पड़ता। सचिन ने लेकिन इन सभी आशंकाओं को निराधार साबित किया और तीसरे दिन की भांति चौथे दिन बुधवार को संयम के साथ विकेट पर डटे रहे और साथ ही साथ धवल को भी अपना विकेट बचाए रखने के लिए प्रेरित करते रहे।

धवल के लिए यह जीवनर्पयत याद रखने वाली पारी होगी क्योंकि वह उस खिलाड़ी के साथ अपनी टीम को जीत दिलाने में लगे रहे, जो इस देश में क्रिकेट प्रेमियों के लिए `भगवान है।` मजेदार बात यह है कि धवल का जन्म 10 दिसम्बर 1988 में हुआ था और इसी दिन सचिन ने अपना पहला रणजी मैच खेला था। मोहित शर्मा की गेंद पर विजयी चौका लगाते ही सचिन ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर ईश्वर का धन्यवाद किया और अपने साथियों का अभिनंदन स्वीकार किया। सचिन अपने करियर की अंतिम रणजी पारी में नाबाद लौटे। इस तरह सचिन ने इतिहास कायम किया।

सचिन ने मुंबई के लिए 1988 में रणजी में पदार्पण करते हुए वानखेड़े स्टेडियम में गुजरात के खिलाफ 100 रनों की नाबाद पारी खेली थी। वह मैच मुंबई ने जीता था। इस तरह सचिन ने अपनी टीम के लिए पहला और अंतिम रणजी मैच जीता। यही नहीं, सचिन ने 1991 सत्र में हुए रणजी फाइनल में हरियाणा के खिलाफ शतक लगाया और अपनी टीम को जीत दिलाई थी। हरियाणा के लिए कपिल देव खेल रहे थे और सचिन ने कपिल जैसे कद्दावर की मौजूदगी में हरियाणा को खिताब से महरूम कर दिया था।

पंजाब ने ओडिशा को पारी के अंतर से हराया
मोहाली : पंजाब ने अपने बल्लेबाजों और गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर ओडिशा को एक पारी और 48 रनों से हरा दिया। पंजाब को सात अंक मिले। ओडिशा ने पहली पारी में 205 रन बनाए जबकि पंजाब ने पहली पारी 6 विकेट पर 560 पर घोषित कर दी। उसकी ओर से तरुवर कोहली (144) और मंदीप सिंह (175) ने शतक लगाए। ओडिशा की दूसरी पारी 307 रनों पर सिमट गई। अभिलाष मलिक ने सबसे अधिक 73 रन बनाए। पंजाब की ओर से हरभजन सिंह ने तीन विकेट लिए। हरभजन ने पहली पारी में भी छह विकेट लिए थे।

राजस्थान पर सौराष्ट्र की पारी के अंतर से जीत
राजकोट : सौराष्ट्र ने अपने घर में खेले गए ग्रुप-बी मुकाबले में राजस्थान को एक पारी और 31 रनों से हरा दिया। सौराष्ट्र ने पहली पारी में सात विकेट पर 475 रन (घोषित) बनाए थे जबकि राजस्थान की टीम पहली पारी में 136 रनों पर सिमट गई थी। फॉलोआन खेलते हुए राजस्थान की टीम 308 रन ही बना सकी। उसकी ओर से राजेश बिश्नोई ने शानदार 106 रन बनाए। सौराष्ट्र को इस मैच से सात अंक प्राप्त हुए।

बेनतीजा रहा मध्य प्रदेश और रेलवे का मुकाबला
इंदौर : होल्कर स्टेडियम में मध्य प्रदेश और रेलवे के बीच खेला गया ग्रुप-बी मुकाबला बेनतीजा रहा। मध्य प्रदेश ने अपनी पहली पारी छह विकेट पर 510 रनों पर घोषित कर दी थी। इसमें सत्यम चौधरी के 239 रन शामिल हैं। जवाब में रेलवे ने पहली पारी में 335 रन बनाए और फिर फालोआन खेलते हुए चौथे दिन की समाप्ति तक पांच विकेट पर 235 रन बनाए। अरिंदम घोष 72 और कर्ण शर्मा 25 रनों पर नाबाद लौटे। मध्य प्रदेश की ओर से ईश्वर पांडेय ने तीन विकेट लिए। फॉलोआन खिलाने के कारण मध्य प्रदेश को तीन और रेलवे को एक अंक मिला।

दो मैच हुए रद्द
जमशेदपुर में दिल्ली और झारखंड के बीच खेला गया मैच रद्द हो गया। इस मैच से दोनों टीमों को एक-एक अंक मिला। इसी तरह कोलकाता में बंगाल और बड़ौदा के बीच खेला गया मैच भी रद्द हो गया। दोनों टीमों को एक-एक अंक मिला। ये दोनों मैच बारिश और मैदान खराब होने के कारण रद्द हुए।

First Published: Wednesday, October 30, 2013, 21:01

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