Last Updated: Sunday, January 5, 2014, 22:03

चेन्नई : स्विट्जरलैंड के शीर्ष वरीयता प्राप्त स्टेनिसलास वावरिंका ने अपनी ख्याति के रूप में प्रदर्शन करते हुए आज यहां फ्रांस के एडुआर्ड रोजर वेसलिन को सीधे सेटों में हराकर एटीपी चेन्नई ओपन टेनिस टूर्नामेंट का एकल खिताब जीता। पिछले साल अमेरिकी ओपन के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले वावरिंका ने नंगमबाक्कम टेनिस स्टेडियम में अपना 500वां एटीपी टूर मैच खेलते हुए एक घंटे 35 मिनट तक चले मुकाबले में वेसलिन को 7-5, 6-2 से हराया।
वावरिंका का यह करियर का पांचवां एटीपी खिताब है। यह दूसरा अवसर है जबकि इस स्विस खिलाड़ी ने चेन्नई में परचम लहराया। इससे पहले उन्होंने 2011 में खिताब जीता था। सातवीं वरीयता प्राप्त रोजर वेसलिन ने अपना पहला एटीपी खिताब जीतने के लिये काफी कोशिश की लेकिन पिछले सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले 28 वर्षीय वावरिंका से पार पाना उनके लिये आसान नहीं रहा। अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ फार्म में चल रहे वावरिंका ने खुद को अव्वल खिलाड़ी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने अपने दमदार रिटर्न और ग्राउंड स्ट्रोक्स के दम पर वेसलिन को उन्नीस साबित किया और रोजर वेसलिन को ज्यादा मौके नहीं दिये।
वावरिंका ने कहा, ‘यह पांचवां खिताब निश्चित तौर पर बहुत अहम है। यह यहां मेरा दूसरा खिताब है और इसलिए मैं इसका पूरा लुत्फ उठा रहा हूं। मैंने यहां अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। मैं 2013 में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों के खिलाफ खेला और मैं सुधार के लिये हरसंभव प्रयास कर रहा हूं। साल का पहला सप्ताह शानदार रहा और मैं अब पहले ग्रैंडस्लैम में आत्मविश्वास के साथ उतरूंगा।’
उन्होंने कहा, ‘इस टूर्नामेंट में काफी सुधार हुआ है और मैं यहां फिर से खेलना चाहूंगा।’ रोजर वेसलिन ने विजेता की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘फाइनल में हार दिल टूटने जैसा है। वावरिंका ने बहुत अच्छा खेल दिखाया और वह जीत का हकदार था। उसने पूरे सप्ताह शानदार प्रदर्शन किया। उसने वास्तव में अच्छा खेल दिखाया। उम्मीद है कि अगली बार मैं टूर्नामेंट जीतने में सफल रहूंगा।’
रोजर वेसलिन फरवरी 2013 में डेलारे बीच ओपन के फाइनल में अर्नेस्ट गुलबिस से हार गये थे। रोजर वेसलिन ने दूसरे सेट के पहले गेम में शुरू में ब्रेक प्वाइंट बचाया लेकिन वावरिंका को जब दूसरा मौका मिला तो फ्रांसीसी खिलाड़ी नेट पर आ गया। वावरिंका के फोरहैंड विनर पर वह बैकहैंड नेट पर मार गये जिससे स्विस खिलाड़ी को बढ़त मिल गयी। इसके बाद वावरिंका को कोई परेशानी नहीं हुई और उन्होंने जल्द ही 5-1 की बढ़त हासिल करके आठवें गेम में मैच अपने नाम कर दिया। वावरिंका के लिये यह यादगार टूर्नामेंट रहा। शुक्रवार को उन्होंने अलियाज बेडेन को हराकर अपने करियर की 300वीं जीत दर्ज की। वह रोजर फेडरर (926 जीत), मार्क रोसेट (433) और जैकब हालसेक (432) के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे स्विस खिलाड़ी हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 5, 2014, 22:03