हमने कभी नहीं सोचा था सचिन 16 साल में भारत के लिए खेलेगा: सचिन के भाई अजित तेंदुलकर

हमने कभी नहीं सोचा था सचिन 16 साल में भारत के लिए खेलेगा: सचिन के भाई अजित तेंदुलकर

हमने कभी नहीं सोचा था सचिन 16 साल में भारत के लिए खेलेगा: सचिन के भाई अजित तेंदुलकरनई दिल्ली : सचिन तेंदुलकर के परिवार वालों ने कभी नहीं सोचा था कि वह मात्र 16 बरस की उम्र में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और इतने सारे क्रिकेट रिकॉर्ड तोड़ेंगे। उनके भाई अजित तेंदुलकर ने सोमवार को यह कहा। अजित ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि सचिन का टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला सही समय पर आया है क्योंकि वह शीर्ष पर रहते हुए जा रहा है। उन्होंने कहा, हमने कभी नहीं सोचा था कि सचिन 16 बरस की कम उम्र में भारत की ओर से खेलेगा। हम कदम दर कदम आगे बढ़ने के बारे में सोच रहे थे। स्कूल स्तर से क्षेत्रीय स्तर और फिर अखिल भारतीय स्तर, अंडर 15 से अंडर 19 और फिर सीनियर स्तर और आगे।

अजित ने कहा, कभी नहीं सोचा था कि सचिन इन सभी स्तरों को पीछे छोड़कर 16 साल में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। उन्होंने कहा, हमें उस समय गर्व और खुशी हुई जब उसे पहली बार 1989 में पाकिस्तान दौरे के लिए भारतीय टीम में चुना गया और उस समय परिवार बेहद खुश था। अजित ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का सचिन का फैसला परिवार के सदस्यों के लिए हैरानी भरा नहीं था क्योंकि वह पिछले कुछ समय से सीरीज दर सीरीज संन्यास के बारे में आकलन कर रहा था।

अजित ने कहा, मुझे याद है कि 28 फरवरी 1995 को हमारे पिता को दिल का दौरा पड़ा था और सचिन को यह बात पता नहीं चलने देनी थी। उसे अगले दिन बल्लेबाजी करनी थी और वह मैच का अंतिम दिन था। 1999 के विश्वकप में (जब सचिन के पिता का देहांत हो गया था) भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा, हमें वाकई उसे विश्वकप में खेलने के लिए इंग्लैंड वापस जाने के लिए मनाना नहीं पड़ा। वह अपने पिता को अच्छी तरह जानते थे। वह (पिता) भी होते तो सचिन से कहते कि वापस जाओ और खेलो।

अजित के मुताबिक, निसंदेह यह बहुत कठिन था। लेकिन सभी भावनाओं को अलग रखते हुए उन्होंने इंग्लैंड वापस जाने का और विश्वकप के बाकी मैचों में खेलने का फैसला किया। तेंदुलकर ने घर से लौटने के बाद विश्वकप में केन्या के खिलाफ अपने पहले मैच में शतक जमाया।

अजित के अनुसार सचिन द्वारा अपनी निजी उपलब्धियों से पहले टीम को रखना एक जन्मजात गुण है। परिवार के किसी सदस्य द्वारा तेंदुलकर को स्टेडियम में खेलते हुए नहीं देखने के बारे में पूछे जाने पर उनके बड़े भाई ने कहा कि यह ‘नजर लग जाएगी’ जैसी बात है।

अजित ने उस वाकये का भी जिक्र किया जब पाकिस्तान में पहली टेस्ट सीरीज में वकार यूनिस की बाउंसर उनकी नाक पर जा लगी थी। नाक से खून निकलने लगा था और पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने उन्हें घेर लिया। इस हालात में भी सचिन का मनोबल गिराने के लिए टिप्पणियां की गयीं।

अजित के मुताबिक, सचिन को तत्काल फैसला लेना था कि वापस पवेलियन जाएं या खेलते रहें। वह अकसर जल्दी फैसले लेते हैं और तब भी उन्होंने तत्काल निर्णय लिया कि वह खेलेंगे। उस दिन वह डटे रहे और नॉट आउट रहे। उन्होंने भारत के लिए टेस्ट को बचाया भी। अजित के अनुसार किसी को उम्मीद नहीं थी कि सचिन पाकिस्तान के दौरे पर 20 ओवर के मैच के दौरान अब्दुल कादिर की फिरकी को अपने बल्ले से नचाएंगे। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 5, 2013, 09:40

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